डेस्क: यूपी की योगी सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति के घोषणा के मामले में लगातार सख्त रुख अख्तियार कर रही है। अब प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों के संपत्ति का ब्योरा बताने के लिए डेडलाइन घोषित कर दी गई है। बेसिक से जुड़े शिक्षकों ने 31 जनवरी तक अगर अपनी चल-अचल सम्पत्तियों का ब्यौरा मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया तो उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा। न तो उन्हें पदोन्नति मिलेगी और न स्थानांतरण ही हो सकेगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से प्राइमरी शिक्षकों के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम एक स्पष्ट आदेश बीते सोमवार को जारी किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के नियम 24 के अनुसार मानव सम्पदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जाता है कि पिछले महीने यानि 17 दिसम्बर 2024 को इस संबंध में विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी कर चतुर्थ श्रेणी विभागीय कर्मियों को छोड़कर सभी अधिकारी, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को अपनी चल-अचल सम्पत्तियों का सम्पूर्ण ब्योरा 31 जनवरी 2025 तक अनिवार्य रूप से पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे।
इस आदेश के 27 दिन बीत जाने के बाद भी बमुश्किल विभाग के 18 से 19 फीसदी विभागीय कर्मियों ने अपनी चल-अचल सम्पत्तियों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया है। आंकड़े के अनुसार 1, 67,265 शिक्षकों में से 12 जनवरी तक मात्र 6,466 शिक्षकों ने ही अपनी सम्पत्तियों की जानकारी अपलोड की है।
अधिकारी बताते हैं कि विभागीय कर्मियों द्वारा सम्पत्तियों की घोषणा को लेकर की जा रही हीला-हवाली की जानकारी के बाद शासन ने गंभीर रुख अपनाया है। साथ ही बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल को कड़े आदेश जारी कर हर हाल में सभी को 31 जनवरी तक सम्पत्तियों का ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। शासन के निर्देशों के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक ने एक़ बार फिर से आदेश जारी किए हैं, जिसमें चल-अचल सम्पत्तियों की जानकारी अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ पदोन्नति रोकने से लेकर स्थानांतरण व वेतन भुगतान रोकने समेत अन्य कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।