लखनऊ:बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम के साथ ही कोआर्डिनेटरों पर फोड़ना शुरू कर दिया है। चुनाव परिणाम आने के साथ ही मंडलीय कोआर्डिनेटरों को हटाने और उनके स्थान पर नए को लगाया गया है। बड़े मंडलों में दो-दो टीमें बनाई गईं हैं। कोआर्डिनेटरों को संगठन विस्तार के साथ ही बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है।
बसपा इस समय अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। पार्टी का जनाधार लगातार खिसक रहा है। मायावती ने विधानसभा उपचुनाव से पहले कोआर्डिनेटरों को बदलते हुए उन्हें उम्मीदवारों को जिताने की तैयारी सौंपी थी। चुनाव परिणाम आने से पहले यह रिपोर्ट आने लगी थी कि बसपा एक भी सीट नहीं जीत रही है। इसका ठीकरा उम्मीदवारों ने कोआर्डिनेटरों पर फोड़ना शुरू कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाए कि अधिकतर कोआर्डिनेटरों ने प्रचार से दूरी बनाए रखी।
बसपा सुप्रीमो को यह रिपोर्ट लगातार मिल रही थी, लेकिन उन्होंने चुनाव के बीच में कोआर्डिनेटरों को नहीं बदला। उन्होंने चुनाव परिणाम आने के साथ ही कोआर्डिनेटरों को बदलना शुरू कर दिया है। लखनऊ मंडल में दो टीमें बनाई गई हैं। पहली टीम में डा. विजय प्रताप, मौजी लाल गौतम, दिनेश पाल और दूसरी टीम में डा. विजय प्रताप, के साथ राकेश गौतम को रखा गया है। इसके साथ ही लखनऊ मंडल में ही समसुद्दीन राइन, अखिलेश अंबेडकर और रामनाथ रावत को रखा गया है।
प्रयागराज मंडल में टीम एक में राजेंद्र दिवाकर, चिंतामणि वर्मा और अशोक बिंद हैं। टीम दो में जगन्नाथ पाल, रमेश पासी, अभिषेक गौतम हैं। टीम एक के साथ अमरेंद्र बहादुर पासी, अकाश गौतम व टीम दो में राजू गौतम व सतीश जाटव को लगाया गया है। इसके साथ ही बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, धनश्याम चंद्र खरवार और सालीम अंसारी को भी प्रयागराज मंडल में देखरेख के लिए लगाया गया है। वाराणसी में टीम एक में दीप चंद्र चौधरी, सुभाष चंद्र, सत्येंद्र कुमार मौर्य व टीम दो में मनोज विद्रोही, तेज बहादुर मौर्या व विनोद बागड़ी को जिम्मेदारी दी गई है।
27 से शुरू होगी मंडलीय बैठकें
बसपा सुप्रीमो ने नए कोआर्डिनेटरों को मंडलीय बैठकें करने का निर्देश दिया है। ये बैठकें 27 से लेकर 30 नवंबर तक पहले चरण में चलेंगी। इसके बाद दिसंबर में दूसरे चरण की बैठकें शुरू होंगी।