नोएडा। साइबर अपराधियों ने नोएडा सेक्टर-62 स्थित भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) कार्यालय के नाम से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाकर उस पर सहायक कमांडेंट की नौकरी का विज्ञापन जारी कर दिया। फर्जी वेबसाइट के जरिए देशभर के युवकों से ठगी की आशंका है। भारतीय तटरक्षक बल के प्रबंधन ने सेक्टर-58 थाने में केस दर्ज कराया है।
कमांडेंट टी. नगामलिएन ज्वाइंट डायरेक्टर रिक्रूटमेंट ने पुलिस को शिकायत दी कि भारतीय तटरक्षक (आइसीजी) रक्षा मंत्रालय के तहत संघ का एक सशस्त्र बल है। यह समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करता है। आइसीजी का मुख्यालय दिल्ली में है। आइसीजी का भर्ती निदेशालय सेक्टर-62 में है। उन्होंने बताया कि आइसीजी सीडैक (पुणे) के समन्वय से कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित कर भर्ती करता है। इसके लिए आइसीजी ने 18 दिसंबर 2020 को सीडैक से https//joinIndiancoastguard.cdac.in वेबसाइट बनवाई थी। इसी वेबसाइट का इस्तेमाल नए विज्ञापन प्रकाशित करने, आवेदन आमंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसी पर प्रवेश पत्र और परीक्षा परिणाम जारी होते हैं।
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम से पिछले दिनों आइसीजी को एक संदिग्ध और फर्जी वेबसाइट https//joinIndian coastguard.cdac.co.in के संबंध में 27 दिसंबर 2023 को ई-मेल प्राप्त हुआ। इसमें बताया गया कि फर्जी बेवसाइट बनाने के बाद इस पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं, जिसकी पुष्टि सीडैक पुणे ने भी की। फर्जी वेबसाइट के जरिये सहायक कमांडेंट (सर्विसमैन) की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए, जबकि आइसीजी ने ऐसी किसी भर्ती के लिए विज्ञापन नहीं दिया था।
इस प्रकार असली वेबसाइट पहचानें
साइबर क्राइम एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल के मुताबिक अगर वेबसाइट के लिंक की शुरुआत में https// निशान ना दिखे तो समझिये कि आप नकली वेबसाइट पर हैं। लुक, लोगो और फॉन्ट को ध्यान से देखें। नकली वेबसाइट की स्पेलिंग, फॉन्ट टाइप बिलकुल असली वेबसाइट जैसी होती है। जैसे Amazon की जगह नकली वेबसाइट का नाम Amezon होगा। ऐसे उल्टे-पुलटे नाम पर नजर पड़ते ही सतर्क हो जाएं।
देशभर के युवाओं से ठगी की आशंका
साइबर अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट के जरिये आवेदकों से फीस भी मांगी गई। इससे आशंका जाहिर की जा रही है कि आरोपियों ने देशभर के सैकड़ों युवकों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। अभी तक शहर में किसी युवक ने इस प्रकार की ठगी को लेकर शिकायत नहीं दी है। साइबर सेल मामले की जांच में जुटी है।
ये सावधानी जरूरी
1. हमेशा कंपनी की अधिकृत्त वेबसाइट से ही कस्टमर केयर का नंबर लें।
2. जिस वेबसाइट को क्लिक करने के बाद लाल रंग का निशान दिखे, उन पर क्लिक न करें।
3. किसी भी व्यक्ति के कहने पर अपने फोन में किसी प्रकार का ऐप या लिंक ओपन न करें।
4. अनजान व्यक्ति को अपने बैंक खाते से जुड़ी कोई जानकारी ने दें।
5. अपने फोन और लैपटॉप में एंटीवायरस को चालू करके रखें।
गूगल पर उपलब्ध नंबर सुरक्षित नहीं
इस समय गूगल पर साइबर अपराधियों ने कंपनियों से मिलती-जुलती हजारों वेबसाइट बनाकर उस पर अपना नंबर डाल दिया है। जैसे ही कोई व्यक्ति किसी प्रकार की जानकारी के लिए गूगल पर सर्च करता है तो जालसाजों की वेबसाइट दिखने लगती है। वहां क्लिक करने के बाद कंपनी के फर्जी नंबर मिलते हैं। इसके साथ ही इन वेबसाइट के जरिए लोगों के फोन में कुछ ऐप भी खुद ही डाउनलोड हो जाते हैं। इन ऐप के जरिए जालसाज लोगों के फोन में घुसपैठ करते हैं।