नई दिल्ली:यस बैंक-डीएचएफएल घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, सीबीआई ने रियल एस्टेट के रेडियस समूह के एमडी संजय छाबड़िया को गिरफ्तार कर लिया है। अब छाबड़िया को शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। संजय छाबड़िया की गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे। इसी साल फरवरी माह में सीबीआई ने मुंबई और पुणे में संजय छाबड़िया के नेतृत्व वाले रेडियस डेवलपर्स से जुड़े छह परिसरों की तलाशी ली थी।
क्या है वजह: आपको बता दें कि रेडियस समूह, डीएचएफएल पर सबसे बड़े कर्जदारों में से एक है। इस समूह पर मुंबई में एक आवासीय परियोजना के लिए लिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है। सीबीआई ने 2020 में यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और डीएचएफएल के कपिल वधावन सहित अन्य के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर ने डीएचएफएल को यस बैंक के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी। एजेंसी के अनुसार कपूर ने ऐसा खुद के लिए और अपने परिवार के सदस्यों को उनकी कंपनियों के माध्यम से अनुचित लाभ के बदले किया था।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ था जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके अनुसार इसके बदले, वधावन ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में ‘‘600 करोड़ रुपये की रिश्वत का कथित तौर पर भुगतान’’ किया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कपूर की बेटियां – रोशनी, राधा और राखी – मोगरन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से डीओआईटी अर्बन वेंचर्स की 100 प्रतिशत शेयरधारक हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि डीएचएफएल द्वारा डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को बहुत कम मूल्य वाली संपत्तियों को गिरवी रखने और भविष्य में इसके कृषि भूमि से आवासीय भूमि में रूपांतरित होने पर विचार करते हुए 600 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया था।