ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित अवधि में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। किसी भी ग्रह के एक राशि से दूसरी राशि में जाने की प्रक्रिया को राशि परिवर्तन या राशि गोचर कहा जाता है। शुक्रदेव 18 जून को राशि परिवर्तन करेंगे। शुक्र का गोचर वृषभ राशि में होगा। इस राशि में बुध पहले से विराजमान हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब एक ही राशि में बुध व शुक्र विराजमान होते हैं तो लक्ष्मी नारायण योग बनता है। इस योग को ज्योतिष में दुर्लभ माना गया है। बुध व शुक्र की युति से बनने वाला योग कुछ राशि वालों के लिए लाभकारी साबित होगा।
शुक्र व बुध किसके कारक हैं?
ज्योतिष में शुक्र को कला, साहित्य व सुख-सुविधा आदि का कारक माना गया है। बुध ग्रह को बुद्धि, व्यापार व संवाद आदि का कारक माना जाता है। मान्यता है कि शुक्र व बुध की स्थिति जन्मकुंडली में उच्च की होने पर जातक को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है।
लक्ष्मी नारायण योग इन राशियों के लिए शुभ-
वृषभ- वृषभ राशि वालों के लिए लक्ष्मी नारायण योग शुभ साबित होगा। 18 जून से 2 जुलाई तक का समय आपके लिए लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आपको व्यापार में मुनाफा हो सकता है। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी में पदोन्नति मिल सकती है। इस दौरान आपकी कार्यशैली में निखार आएगा। सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी हो सकती है।
वृश्चिक- लक्ष्मी नारायण योग से वृश्चिक राशि वालों को लाभ मिल सकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जातकों को शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त हो सकता है। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बीतेगा। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए समय अनुकूल है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।