खंडवा:मध्य प्रदेश के खंडवा में पुलिस अभिरक्षा में एक आरोपी की मौत हो गई। वाहन चोरी के आरोप में 60 वर्षीय भगवान सिंह को खंडवा एसपी की स्पेशल टीम ने अभिरक्षा में लिया था। अभिरक्षा में लाने के बाद उन्हें शहर के कोतवाली थाने में रखा गया था। बुधवार की सुबह अचानत उनकी मौत हो गई। पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत के बाद फॉरेंसिक टीम और एसडीएम पुलिस बल के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल में मृतक का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने वृद्ध को तकरीबन 2 दिन पहले हिरासत में लिया था। घटना की जानकारी लगने पर पुलिस अधीक्षक कोतवाली थाने पहुंचे। भगवान सिंह के पकड़े जाने के बाद जेल परिसर, रेलवे स्टेशन, जिला न्यायालय परिसर और अन्य स्थानों से चुराई हुई मोटरसाइकिलें जब तक की गई थीं।
इस मामले में पुलिस संभवतः आज खुलासा करने वाली थी। लेकिन सुबह अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। बताया जाता है कि उन्हें पहले उल्टी हुई थी जिसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें अस्पताल लेकर आए लेकिन यहां उनकी मौत हो गई। हालांकि, इस मामले को लेकर अभी तक पुलिस की ओर से किसी तरह का बयान सामने नहीं आया है। पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दी है।
कोतवाली प्रभारी निलंबित
खंडवा एसपी विवेक सिंह ने बताया कि बाइक चोरी के मामले में खंडवा पुलिस ने भगवान पंवार को हिरासत में लिया था। जेल परिसर, रेलवे स्टेशन, जिला न्यायालय परिसर और अन्य स्थानों से चुराई हुई बाइक जब्त की थी। पुलिस आज न्यायालय में पेश कर आरोपी का रिमांड लेने वाली थी, लेकिन सुबह अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। बताया जा रहा है कि उसे उल्टी हुई थी, जिसके बाद पुलिसकर्मी उसे अस्पताल लेकर आए, इस दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद परिजन अस्पताल पहुंचे। वहीं घटना में लापरवाही को लेकर एसपी विवेक सिंह ने कोतवाली थाना प्रभारी बलजीत सिंह बिसेन को निलंबित कर लाइन भेज दिया है।
परिजनों का पुलिस पर आरोप
वहीं मृतक के परिजन ने कहा कि तबीयत खराब होने के बाद पुलिस ने उनका उपचार कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। पुलिस की लापरवाही की वजह से उनकी जान पर बन आई और अंततः उन्होंने दम तोड़ दिया। परिजन ने बताया कि 1 दिन पहले मंगलवार को भगवान पंवार को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उनकी तबीयत बिगड़ने पर पुलिसकर्मियों से गुहार लगाई थी कि उन्हें अस्पताल ले जाएं, लेकिन पुलिसकर्मियों ने एक नहीं सुनी थी।