डेस्क:चालू वित्त वर्ष 2024-25 में देश की इकोनॉमी 7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। इकोनॉमी की यह रफ्तार कृषि क्षेत्र की बदौलत बढ़ने की उम्मीद है। यह अनुमान वर्ल्ड बैंक ने लगाया है। बता दें कि इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने जून में अनुमान लगाया था कि भारत की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहेगी। इस लिहाज से वर्ल्ड बैंक के अनुमान में बढ़ोतरी हुई है।
क्या कहा वर्ल्ड बैंक ने
वर्ल्ड बैंक ने कृषि क्षेत्र और ग्रामीण मांग में सुधार के दम पर वृद्धि दर को 7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक कृषि क्षेत्र में सुधार से उद्योग में आई मामूली गिरावट की आंशिक भरपाई हो जाएगी और सेवाएं मजबूत बनी रहेंगी। कृषि में अपेक्षित सुधार से ग्रामीण मांग भी बेहतर होगी। वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री रैन ली ने कहा कि मानसून और निजी खपत में सुधार है। हालांकि, वैश्विक माहौल चुनौतीपूर्ण है लेकिन भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है।
मूडीज का अनुमान
बीते दिनों मूडीज रेटिंग्स ने वर्ष 2024 और 2025 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को बढ़ाकर क्रमशः 7.2 प्रतिशत एवं 6.6 प्रतिशत कर दिया था। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगर निजी खपत को रफ्तार मिलती है तो भारत की आर्थिक वृद्धि की गति इससे भी अधिक रह सकती है। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि मौजूदा साल में भारत की जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत होगी, जबकि पहले इसका अनुमान 6.8 प्रतिशत रहने का था।
सरकार का अनुमान
बीते दिनों मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2024-25 में 6.5-7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की राह पर है। बता दें कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 15 महीने के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत पर आ गई। यह 15 महीने का निचला स्तर है। एक साल पहले वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी।