नई दिल्ली:दिल्ली में मानसून की दस्तक से पहले मेयर ने दावा किया था कि इस बार दिल्लीवाले बारिश का आनंद उठाएंगे। उनके इस दावे की पहली पोल गत 29 जून को खुली जब रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई और जगह-जगह भीषण जलभराव हुआ। अब राजेंद्र नगर में हुई घटना ने शहर में बारिश के पानी की निकासी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। यह जानकर हैरानी होगी कि राजधानी अब भी 1976 में बने ड्रेनेज सिस्टम पर आश्रित है। जिस समय ये नाले बनाए गए थे, उस दौरान दिल्ली की आबादी महज 60 लाख थी, जो अब ढाई करोड़ से ज्यादा हो गई है। इसको लेकर 13 वर्ष पहले पहल की गई, लेकिन अभी तक ड्रेनेज मास्टर प्लान योजना कागजों में घूम रही है।
राजधानी में बढ़ती आबादी को लेकर ड्रेनेज मास्टर प्लान पर 2011 में काम शुरू हुआ था। इसके लिए आईआईटी से रिपोर्ट तैयार कराई गई। जुलाई 2018 में आईआईटी ने सरकार को मास्टर प्लान की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। अगस्त 2018 में सरकार ने इसे लागू करने की बात कही, लेकिन अभी तक लागू नहीं किया। गत 29 जून को सरकार ने सलाहकार नियुक्त करने के लिए निविदा जारी की है। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगले वर्ष तक इस पर काम शुरू हो पाएगा।
आबादी बढ़ी, सुविधा नहीं
वर्तमान में नाले की क्षमता से पांच गुना ज्यादा आबादी दिल्ली में है। इस कारण जलनिकासी की व्यवस्था ठप्प हो जाती है। बीते वर्ष राजधानी में बाढ़ का बड़ा कारण भी नाले की लचर व्यवस्था थी। इस बार 28 जून की पहली बारिश में ही दिल्ली में जगह-जगह पानी भर गया।
नालों की सफाई नहीं होने से परेशानी
राजधानी में नाला तीन हिस्सों में बांटा गया है। इनमें 200 से अधिक नाले हैं। सबसे अधिक 123 नाले नजफगढ़ ड्रेन, 44 से अधिक बारापुला और ट्रांस यमुना बेसिन में 34 से अधिक हैं। इसके जरिए ही बारिश का पानी निकलता है। 3,692 किलोमीटर लंबे नाले राजधानी में हैं।
ड्रेनेज मास्टर प्लान
●2011, सितंबर: दिल्ली सरकार ने आईआईटी दिल्ली के साथ जलभराव के समाधान को लेकर मास्टर ड्रेनेज प्लान के लिए अनुबंध किया
●2018, जुलाई: आईआईटी दिल्ली ने मास्टर ड्रेनेज प्लान की फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंपी
●2018, अगस्त: सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों को इसे लागू करने का निर्देश दिया
●2019, मई: तकनीकी विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक हुई। बैठक में जो ब्योरा मिला उसे समिति के चेयरमैन ने नाकाफी बताया
●5 अगस्त 2021: तकनीकी विशेषज्ञ समिति ने योजना को उपयोगी नहीं बताते हुए खारिज कर दिया।
●24 अगस्त 2021: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने योजना की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की है।
●29 जून 2024: लोक निर्माण विभाग ने जलभराव को लेकर गृह मंत्रालय के साथ हुई बैठक में कहा है कि मार्च 2025 तक मास्टर ड्रेनेज प्लान को लागू कर दिया जाएगा।
नई योजना के लिए की गई सिफारिश
●आबादी के हिसाब से नाले की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए
●ड्रेन में कोई ठोस अपशिष्ट या सीएंडडी अपशिष्ट जाने की अनुमति नहीं दी जाए
●प्रभावी तरीके से नालों से गाद निकालने का काम हो
●बारिश का पानी सीवर में न बहाएं
●बाढ़ प्रबंधन में सुधार के लिए सेंसर का उपयोग कर बाढ़ की निगरानी हो