कोलकाता। कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद परिसर में तोड़फोड़ हुई। प्रदर्शनकारियों ने मेडिकल कॉलेज की नई प्रिंसिपल सुहृता पाल को घेर लिया। उनके खिलाफ गो बैक के नारे लगे। इस दौरान सुहृता पाल अपना आपा खो बैठीं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मांग की कि नई प्रिसिंपल आधी रात को हुए भीड़ के हमले के मामले में तुरंत ऐक्शन लें। इस पर सुहृता पाल ने कहा कि अगर आप एक घंटे के लिए भी मुझ पर भरोसा नहीं करते तो मुझसे कोई उम्मीद मत रखिए। आप लोग मुझे घर भेज दें।
दरअसल, इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के पहले प्रिंसिपल संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। सुहृता पाल ने कहा, “मुझे कुछ आधिकारिक काम निपटाने के लिए कुछ समय चाहिए। आपको मुझ पर विश्वास करना होगा, मैं नहीं जाऊंगी। आपको मुझ पर विश्वास करना होगा। अगर आप मुझ पर विश्वास नहीं कर सकते तो मुझसे कोई उम्मीद मत रखिए।”
संदीप घोष के इस्तीफा देने के बाद राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सुहृता घोष को इस पद पर नियुक्त किया गया है। सुहृता पाल को मेडिकल कॉलेज नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का प्रिंसिपल उसी दिन नियुक्त किया गया, जिस दिन घोष ने आरजी कर से इस्तीफा दिया था।
अस्पताल में छात्रों का प्रदर्शन जारी
इस बीच, आरजी कार में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी। उधर, हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ऐक्शन मोड में आ गई है। तीन संदिग्धों को टीम गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि, पांच डॉक्टरों को पूछताछ के लिए बुलाया है। उधर, 14 अगस्त की आधी रात को अस्पताल को अज्ञात लोगों की भीड़ ने निशाना बनाया। भीड़ ने विरोध स्थल, आपातकालीन विभाग को नुकसान पहुंचाया। इस हमले में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए। छात्रों ने एक बार फिर अस्पताल प्रशासन पर सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
ऐसे दावे किए गए हैं कि भीड़ ने जानबूझकर अपराध स्थल को तहस-नहस कर दिया था, जिसे पुलिस नकार रही है। भाजपा के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल के पास महिलाओं की विरोध रैली को बाधित करने के लिए तृणमूल कॉलेज के “गुंडों” को भेजा था।