आरजी कर मामले को लेकर ममता सरकार पहले से ही कटघरे में है अब कोलकाता के दूसरे मेडिकल कॉलेज में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पर संगीन आरोप लगे हैं। कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक छात्रा ने दावा किया है कि उसे पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी को ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाया गया है। छात्रा ने अपने आरोपों के घेरे में चार प्रोफेसरों और कॉलेज के डीन को भी लिया है। छात्रा ने आगे आरोप लगाया कि डीन ने खुद चारों प्रोफेसरों के गुनाहों पर पर्दा डालने की कोशिश की। छात्रा की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज के डीन को हटा दिया गया है।
एबीपी आनंदा कि रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा का आरोप है कि उसे टीएमसी ज्वाइन करने के लिए दबाव डाला गया। छात्रा का दावा है कि वह ऐसा नहीं करती तो उसे हॉस्टल रूम नहीं दिया जाता। बताया जा रहा है कि यह समस्या पिछले जून में शुरू हुई। कथित तौर पर कॉलेज के चार प्रोफेसरों ने मेडिकल छात्रा को धमकी दी कि यदि वह उनकी बाद मानने से इनकार करती है तो उसे परीक्षा में फेल कर दिया जाएगा। छात्रा ने आगे दावा किया कि उससे कहा गया था कि अगर वह तृणमूल में शामिल होगी तो उसे लाभ मिलेगा।
एक आंदोलनकारी और इंटर्न डॉक्टर प्रभात पटवारी ने कहा कि छात्रा हॉस्टल में रहने में कुछ परेशानी हो रही थी। वह उस समस्या के बारे में हॉस्टल के सुप्रिटेंडेंट को बताने गई। तब भी सुप्रिटेंडेंट उस पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का दबाव डालते रहे। छात्रा नहीं मानी तो हॉस्टल अधीक्षक ने उसे दूसरे प्रोफेसर के पास भेज दिया। प्रभात का दावा है कि लड़की के पिता सरकारी अस्पताल में कर्मचारी हैं, इसके बाद उन्हें भी धमकी दी गई।
मामले के तूल पकड़ने के बाद मेडिकल छात्रा ने डीन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसकी शिकायत के आधार पर जांच कमेटी का गठन किया। छात्रों के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट शुक्रवार को सार्वजनिक की गई। उस रिपोर्ट में उन चार प्रोफेसरों को दोषी पाया गया, जिनके खिलाफ छात्रा ने शिकायत की थी। कॉलेज परिषद ने उस रिपोर्ट पर चर्चा की। चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि रिपोर्ट से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। जब तक अधिकारी चारों आरोपी प्रोफेसरों को सजा नहीं देते, तब तक उन्हें काम से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा कॉलेज परिषद ने डीन मानव नंदी को हटा दिया है। उनकी जगह प्रोफेसर अरूप चक्रवर्ती को नियुक्त किया गया है।