नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 को लेकर एक अहम ऐलान किया था। बीते 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ आवास बनाए जाने हैं। इसके कुछ ही दिनों बाद केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी। आइए योजना के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
2015 में हुई थी शुरुआत
साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी की शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं। इसके अलावा अन्य निर्माणाधीन हैं।
ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ
सरकार की इस स्कीम में लाभार्थी को ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ भी मिलेगा। ब्याज सब्सिडी योजना के दायरे में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)/निम्न आय वर्ग (LIG)/मध्यम आय वर्ग (MIG) परिवार आता है। ये वो लोग होते हैं जिनके पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं है।
EWS के दायरे में वो परिवार है जिसकी ₹3 लाख तक की वार्षिक आय है। वहीं, LIG के दायरे में ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार को रखा गया है। इसी तरह, MIG के दायरे में ₹6 लाख से ₹9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवार के लोग हैं। इन सभी परिवारों के लिए होम लोन पर सब्सिडी दी जाएगी।
कितनी सब्सिडी
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक ₹25 लाख तक का होम लोन लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। यह होम लोन ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए है। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से ₹1.80 लाख की सब्सिडी जारी की जाएगी। लाभार्थी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं।