खालिद मशाल, हमास का एक प्रमुख और विवादित कमांडर, फिलिस्तीनी आतंकवादी गतिविधियों का एक प्रमुख चेहरा है। जन्म 1956 में जॉर्डन के सिलवाड में हुआ, मशाल का परिवार 1967 के इजरायल-अरब युद्ध के बाद जॉर्डन भाग गया था। इस संघर्ष ने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी, और उन्होंने मुस्लिम ब्रदरहुड में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
शिक्षक से आतंकवादी: खालिद मशाल का सफर
खालिद मशाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जॉर्डन में प्राप्त की और फिर कुवैत में शिक्षक के रूप में काम किया। 1990 में इराक द्वारा कुवैत पर आक्रमण के बाद, मशाल जॉर्डन लौट आया और हमास से जुड़ गया। उनके नेतृत्व में, हमास ने इजरायल के खिलाफ कई हिंसक कार्रवाइयों की योजना बनाई और कई महत्वपूर्ण हमलों की जिम्मेदारी ली।
इजरायल द्वारा जहर देने का प्रयास
25 सितंबर 1997 को, इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने खालिद मशाल की हत्या करने की कोशिश की। इस ऑपरेशन का आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दिया था। मोसाद के एजेंट नकली कनाडाई पासपोर्ट पर जॉर्डन में दाखिल हुए और हमास के दफ्तर में पहुँचकर मशाल के कान पर जहर डालने वाले उपकरण को लगाया।
इस हमले में मोसाद के कुछ एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया गया। खालिद मशाल की हालत गंभीर थी, और इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जॉर्डन के तत्कालीन राजा हुसैन ने इस संकट की गंभीरता को देखते हुए नेतन्याहू से ज़हर की एंटी डोज की मांग की। राजा हुसैन ने धमकी दी कि यदि एंटी डोज नहीं दी गई, तो जॉर्डन इजरायल से राजनयिक संबंध तोड़ेगा और मोसाद के एजेंटों पर मुकदमा चलाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के हस्तक्षेप के बाद, नेतन्याहू ने मशाल की जान बचाने के लिए आवश्यक एंटी डोज प्रदान की। इस घटनाक्रम ने इजरायल और जॉर्डन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया, लेकिन मशाल की जान बच गई और उन्होंने इजरायल के खिलाफ अपने आक्रामक रुख को जारी रखा।
मशाल का वर्तमान और भविष्य
आज, खालिद मशाल हमास का एक प्रमुख कमांडर है और इजरायल के खिलाफ बड़े हमलों की योजना बनाने में सक्रिय है। उन्होंने हाल ही में इस्तांबुल में एक सभा में फिलिस्तीनियों को इजरायल में आत्मघाती हमलों की अपील की। उनका यह बयान इजरायल के खिलाफ हमलों की संभावनाओं को और अधिक बढ़ा सकता है।
मशाल का जीवन और उनका संघर्ष इजरायल-पैलेस्टाइन विवाद की जटिलताओं को उजागर करता है, जिसमें व्यक्तिगत प्रतिशोध और राजनीतिक ताकत का खेल प्रमुख भूमिका निभाता है।