कोलकाता:पश्चिम बंगाल विधानसभा से महिलाओं के खिलाफ हिंसा और रेप की वारदातों के लिए लाया गया ‘अपराजिता बिल’ पारित हो गया है। इस बिल को ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक बताया तो वहीं कोलकाता रेप और मर्डर कांड की तुलना यूपी, गुजरात और राजस्थान जैसे भाजपा शासित राज्यों की वारदातों से की। ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी, गुजरात और राजस्थान में हुईं रेप की घटनाओं में अब तक पीड़िताओं को न्याय नहीं मिला है। लेकिन इस मामले में अदालत से न्याय मिलेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी के हाथरस में 2020 में एक 20 साल की दलित लड़की से दरिंदगी हुई थी। इसके अलावा बीते सप्ताह ही राजस्थान के जयपुर में एक सरकारी अस्पताल में मासूम से रेप हुआ था।
अब तक इन मामलों में न्याय का इंतजार है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘असामान्य रूप से महिलाओं के खिलाफ यूपी और गुजरात जैसे राज्यों में अपराध की दर ज्यादा है। यही नहीं वहां कोई न्याय नहीं मिला है। लेकिन बंगाल में औरतों को अदालतों से न्याय दिलाएंगे।’ इस दौरान ममता बनर्जी ने 2013 में बंगाल की ही उत्तर 24 परगना के कामदुनी में हुए कांड का भी जिक्र किया। ममता बनर्जी ने कहा, ‘कामदुनी कांड में हमने फांसी की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की राय हाई कोर्ट से अलग थी और मामला अब तक लंबित है। लेकिन कोई यह बात नहीं करता कि आखिर उन्नाव और हाथरस में क्या हुआ और वहां पीड़िताओं को न्याय क्यों नहीं मिला।’
ममता बनर्जी ने कहा कि अब अपराजिता कानून के तहत तय किया जाएगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के केस में तेजी से जांच हो। सख्त से सख्त सजा दी जा सके। उन्होंने कहा कि अपराजिता कानून उन खामियों को दूर करेगा, जो केंद्र की ओर से बनाए गए कानूनों में रह गई थीं। ममता बनर्जी के भाषण के दौरान भाजपा का हंगामा भी देखने को मिला। भाजपा ने विधेयक का समर्थन भी किया, लेकिन न्याय न मिलने को लेकर हंगामा भी जारी रहा। वहीं ममता बनर्जी ने इस मामले में एक तरह से कोलकाता कांड में गेंद केंद्र के पाले में फेंक दी।
उन्होंने कहा, ‘हम सीबीआई से न्याय चाहते हैं। सीबीआई को अपराधी को फांसी दिलानी चाहिए।’ बता दें कि इस मामले की जांच सीबीआई ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद संभाली है। सीबीआई ने इसकी स्टेटस रिपोर्ट भी अदालत में सौंपी है और कहा कि घटनास्थल से छेड़छाड़ हुई है। सीबीआई के इस दावे के चलते स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठे हैं।