महाराष्ट्र सरकार से अडानी ग्रुप के एक बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े फैसले में सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में उद्योगों पर महाराष्ट्र कैबिनेट उप-समिति ने गुरुवार को 1.17 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश वाली चार प्रमुख प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। इसमें इजराइल के टॉवर सेमीकंडक्टर और अडानी ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित की जाने वाली सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजक्ट भी शामिल है।
रायगढ़ जिले के पनवेल में स्थापित होने वाले प्रोजेक्ट में कुल 84,947 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 15,000 लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है। उप-समिति ने दो इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट और एक कपड़ा संयंत्र को भी मंजूरी दी। यह घोषणा वेदांता-फॉक्सकॉन द्वारा सितंबर 2022 में पुणे के पास तालेगांव चरण IV में सेमीकंडक्टर प्लांट में अपने 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश को रद्द करने के दो साल बाद की गई है।
29,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद
सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पनवेल, पुणे, मराठवाड़ा और विदर्भ में फैली 4 परियोजनाओं से 29,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “टावर सेमीकंडक्टर कंपनी और अडानी ग्रुप संयुक्त रूप से पनवेल (जिला रायगढ़) में सेमीकंडक्टर बनाने की एक मेगा प्रोजेक्ट शुरू करेंगे। पहले चरण में 58,763 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 25184 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यानी कुल 83,947 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 15,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।”
EV मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी
सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के अलावा, उप-समिति ने स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया कंपनी द्वारा पुणे में एक नई EV मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के लिए 12,000 करोड़ रुपये के निवेश और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी द्वारा छत्रपति संभाजीनगर में 21,273 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण यूनिट स्थापित करने की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी। दोनों संयंत्रों से क्रमशः 1,000 और 12,000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
कपड़ा उद्योग को लगेंगे पंख
इसमें यह भी कहा गया है कि रेमंड लग्जरी कॉटन्स नंदगांवकर पेठ, अमरावती में कताई, सूत रंगाई और जूट और कपास की बुनाई के लिए एक फैसिलिटी विकसित करने के लिए 188 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सेमीकंडक्टर परियोजना की घोषणा राज्य सरकार के लिए एक बड़ी राहत की तरह है, क्योंकि दो साल पहले सितंबर 2022 में वेदांता-फॉक्सकॉन ने पुणे के पास तालेगांव चरण IV में सेमीकंडक्टर प्लांट में अपने 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश को रद्द कर दिया था।