Hooghly Haripal Rape Case: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक 15 वर्षीय लड़की के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है। शुक्रवार रात को हुई इस घटना ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। जानकारी के अनुसार, लड़की को बेहोशी की हालत में सड़क किनारे फेंक दिया गया था। रिपोर्ट्स की मानें तो वह जब अपने ट्यूशन से लौट रही थी तब उसे कथित रूप से एक कार में अगवा लिया गया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की हरिपाल इलाके में बेहोशी की अवस्था में पाई गई, जहां उसके कपड़े फटे हुए थे। स्थानीय अस्पताल में लड़की का इलाज किया गया और मेडिकल जांच की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि इस मामले में फिलहाल कोई संदिग्ध नहीं है और इस समय जांच के दौरान कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि लड़की और उसके परिवार की गोपनीयता का सम्मान किया जाए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि पुलिस इस घटना को छुपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “ममता बनर्जी की पुलिस ने अस्पताल को घेर लिया है, मीडिया को प्रवेश नहीं दिया जा रहा और स्थानीय टीएमसी नेता स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं, ताकि घटना की रिपोर्ट न हो सके।” मालवीय ने ममता बनर्जी से इस्तीफा देने की मांग की और राज्य को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित स्थान करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी विफल हो चुकी हैं। उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। बहुत हो चुका है। उन्होंने बलात्कार और पॉक्सो मामलों को सुलझाने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट भी नहीं बनाए हैं।”
वहीं कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले पर भी जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न लाश पाई गई थी। इस मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा एक सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही है। कोलकाता कांड के बाद कानून व्यवस्था को लेकर चौतरभा घिरी ममता सरकार को हुगली में हुई हैवानियत ने एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है।