फरीदाबाद:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार शाम फरीदाबाद के सेक्टर-12 में भाजपा की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि सेना से जुड़ने वाले हर अग्निवीर को नौकरी मिलेगी। उन्होंने बताया कि देश में अग्निवीरों के लिए 20% आरक्षण की व्यवस्था की गई है और जो अग्निवीर बचे रहेंगे, उन्हें हरियाणा में नौकरी दी जाएगी। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल समेत जिले की सभी छह विधानसभा सीटों से भाजपा उम्मीदवार भी मौजूद थे।
अमित शाह ने हरियाणा की पहचान जवान, किसान और खिलाड़ियों के योगदान से बताते हुए कहा कि हरियाणा के किसान देश को अनाज देते हैं और यहां के खिलाड़ी विश्वभर में देश का नाम रोशन करते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस झूठ फैलाने में लगी है। शाह ने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उसने हरियाणा के सैनिकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ क्यों नहीं लागू किया। उन्होंने भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने इस योजना को लागू किया है और जब तक भाजपा सत्ता में है, कश्मीर से धारा 370 नहीं हटाई जाएगी।
शाह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी भारत का हिस्सा बताते हुए कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके नेताओं की सभाओं में “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लग रहे हैं और राहुल गांधी विदेश जाकर देश को बदनाम कर रहे हैं। शाह ने कहा कि कांग्रेस कश्मीर में बंद आतंकियों को रिहा करना चाहती है और 370 को फिर से बहाल करने का प्रयास कर रही है, जिसे भाजपा किसी भी हाल में नहीं होने देगी।
रैली में शाह ने भाजपा सरकार के विकास कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा और फरीदाबाद में केजीपी, केएमपी, जेवर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस बनाए गए हैं और शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों को खोला गया है, साथ ही मेरिट के आधार पर नौकरी देने की प्रणाली को मजबूत किया गया है।
हालांकि, रैली के मंच पर अव्यवस्था भी नजर आई। अमित शाह सभी उम्मीदवारों को जनता के सामने एक साथ खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मंच पर उनकी सीटें अलग-अलग जगह थीं। बड़खल विधानसभा से उम्मीदवार धनेश अदलखा और निवर्तमान मंत्री सीमा त्रिखा के बीच काफी दूरी देखी गई, जिससे मंच पर असंगठित व्यवस्था का अहसास हुआ।