नई दिल्ली:भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने हाल ही में रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट को खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय गोला-बारूद को यूक्रेन में भेजा जा रहा है। रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने इसे “काल्पनिक और भ्रामक” करार दिया और कहा कि इसमें भारत पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। भारत का कहना है कि उसने किसी भी नियम को नहीं तोड़ा है। MEA के बयान के अनुसार, “हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है। यह अटकलों पर आधारित है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। इसमें भारत पर जिन उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है, वे पूरी तरह गलत और शरारतपूर्ण हैं।”
MEA ने यह भी कहा कि भारत का अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के तहत रक्षा और दोहरी इस्तेमाल वाली सामग्रियों के निर्यात के संबंध में बेदाग रिकॉर्ड है। MEA के अनुसार, “भारत अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पूरी तरह से पालन करता है और यह निर्यात के लिए एक मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा रखता है। इसमें सभी प्रासंगिक मानदंडों की समग्र रूप से समीक्षा की जाती है, जिसमें अंतिम यूजर की जिम्मेदारियों और प्रमाणपत्रों का भी मूल्यांकन शामिल होता है।” इस बयान से स्पष्ट है कि भारत अपने रक्षा निर्यातों के मामले में पूरी तरह से पारदर्शी और जिम्मेदार है और किसी भी तरह की अंतरराष्ट्रीय संधियों या समझौतों का उल्लंघन नहीं किया है। MEA ने रॉयटर्स की रिपोर्ट को “गुमराह करने वाली” बताया और कहा कि इसमें भारत की छवि को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
रक्षा निर्यातों के लिए भारत का नियामक ढांचा हमेशा सुनिश्चित करता है कि सभी निर्यात अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समझौतों के तहत हों, और इसमें किसी भी प्रकार की असंगति नहीं होती है। MEA ने जोर देकर कहा कि भारत की सभी गतिविधियां पूरी तरह से कानूनी और जिम्मेदार हैं, और देश ने किसी भी तरह की अनियमितता का पालन नहीं किया है।
इससे पहले रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोप के जरिए यूक्रेन पहुंच गए हैं। कहा गया कि रूस के विरोध के बावजूद भारत ने इस खरीद बिक्री को रोकने के लिए अब तक कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। कई भारतीय और यूरोपीय अधिकारियों के साथ-साथ सीमा शुल्क डेटा के मुताबिक रूस के खिलाफ यूक्रेन के हमलों के लिए गोला-बारूद का यह निर्यात एक साल से भी ज्यादा समय से हो रहा है। यूक्रेन को भारतीय गोला-बारूद भेजने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य शामिल हैं। यह देश यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।