पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने संशोधित बजट को संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह जानकारी साझा की है। संशोधित बजट के तहत पाकिस्तान ने सेना के लिए आवंटित रकम में 72 अरब रुपये यानी करीब 20 फीसदी तक की कमी कर दी है। यह आवंटन नियमित रक्षा बजट से इतर था। बीते कुछ सालों में यह दूसरा मौका है, जब पाकिस्तान को अपने रक्षा कार्यक्रमों में कटौती करनी पड़ी है। ऐसा वित्तीय संकट और आईएमएफ की ओर से तय की गई शर्तों के तहत करना पड़ा है। इससे पहले बीते साल सरकार की ओर से सेना के लिए 340 अरब रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन खर्च 270 अरब रुपये ही किया गया था।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी करना पड़ा है इजाफा
पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह कटौती इसलिए की गई है ताकि आईएमएफ की ओर से तय किए गए टारगेट को हासिल किया जा सके। सरकार ने लक्ष्य तय किया है कि इस वित्त वर्ष में प्राइमरी बजट सरप्लस 153 अरब रुपये रहे। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शर्तों के चलते ही पाकिस्तान ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एकमुश्त 35 रुपये तक का इजाफा कर दिया था। इस फैसले की आम लोगों ने काफी आलोचना की है और पूर्व पाक पीएम इमरान खान भी लगातार शहबाज शरीफ पर हमलावर हैं।
भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसने की दी है IMF ने सलाह
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से पाकिस्तान को भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की भी नसीहत दी गई है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान को अपने भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों की समीक्षा करनी होगी और उन्हें सख्त बनाना होगा। उसने सलाह दी है कि पाकिस्तान को इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स से सलाह लेते हुए कानून बनाने चाहिए ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सके।