श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे एवं अंतिम चरण में मंगलवार को शाम पांच बजे तक 65.48 प्रतिशत मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने कहा जल्द ही फाइनल आंकड़े भी जारी कर दिए जाएंगे। 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। मंगलवार को सात दिलों की 40 सीटों के लिए मतदान हुआ। मतदान के दौरान बूथों के बाहर लंबी कतारें दिखी। निर्वाचन आयोग ने बताया कि चुनाव के दौरान कहीं भी दोबारा मतदान नहीं हुआ। चुनाव से संबंधित कानून-व्यवस्था से जुड़ी कोई बड़ी घटना नहीं घटी।
निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि 2014 में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 2024 में 90 हो जाने के बावजूद इस बार चुनाव तीन चरणों में पूरे किये गये, जबकि 2014 में पांच चरणों में पूरे किये गये थे। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव से संबंधित कानून-व्यवस्था से जुड़ी कोई बड़ी घटना नहीं घटी। यह 2014 की तुलना में उल्लेखनीय सुधार है। 2014 में 170 से अधिक घटनाएं घटी थीं, जिनमें से 87 घटनाएं मतदान के दिन हुई थीं।
निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इन चुनावों में राजनीतिक पदाधिकारियों की मनमाने ढंग से निरोधात्मक हिरासत से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली है, जो अभूतपूर्व है। निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव में धन और बाहुबल की भूमिका को काफी हद तक कम कर दिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्ममीर के 39.18 लाख से अधिक मतदाता 415 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला कर चुके हैं। आगामी 8 अक्टूबर को मतगणना होगी। उम्मीदवारों में दो पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और मुजफ्फर बेग समेत कई हाई प्रोफाइल नेताओं की किस्मत दांव पर है।
मंगलवार को हुए मतदान की बात की जाए तो उधमपुर जिले में सबसे अधिक 72.91 प्रतिशत मतदान हुआ। शाम पांच बजे तक इसके बाद सांबा (72.41 प्रतिशत), कठुआ (70.53 प्रतिशत), जम्मू (66.79 प्रतिशत), बांदीपुरा (63.33 प्रतिशत), कुपवाड़ा (62.76 प्रतिशत) और बारामूला (55.73 प्रतिशत) का स्थान रहा।