डेस्क:आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए पूरी तरह तैयार है। भाजपा सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उसके बाद शिवसेना और एनसीपी का स्थान है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा 150 से 155 सीटों, शिवसेना 90-95 सीटों और एनसीपी 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। आपको यह भी बता दें कि सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए गठबंधन नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।
सीएनएन न्यूज-18 ने सूत्रों के हवाले से कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी। सूत्रों ने कहा, “अधिकांश सीटों का बंटवारा पूरा हो चुका है। करीब 25 सीटों पर चर्चा के लिए दो दौर की और बैठक होने वाली है।”
आपको बता दें कि 2019 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एकजुट थी। अजित पवार भी अपने चाचा शरद पवार के साथ थे। इस पांच वर्षों में महाराष्ट्र में कई बड़े सियासी उथल-पुथल देखने को मिले। 2019 में बहुमत हासिल करने के बावजूद भाजपा और शिवसेना गठबंधन की सरकार नहीं बनी। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
नवंबर में देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के साथ सीएम के रूप में शपथ ली। अजीत पवार ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ सरकार बनाने के लिए पार्टी छोड़ दी और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, तीन दिन बाद दोनों ने इस्तीफा दे दिया और अजित पवार अपने चाचा शरद पवार के पास वापस चले गए।
इसके बाद उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को फ्लोर टेस्ट के बाद सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। जून 2022 में ठाकरे को एक और झटका तब लगा जब उनकी पार्टी के एकनाथ शिंदे विधायकों के एक समूह के साथ एनडीए में शामिल हो गए और राज्य में भाजपा के साथ सरकार बनाई। शिंदे को सीएम बनाया गया और फडणवीस उनके डिप्टी बने। कुछ महीने बाद अजित पवार एक बार फिर अपने चाचा से अलग हो गए और नेताओं के एक समूह के साथ महायुति गठबंधन में शामिल हो गए और उन्हें फिर से डिप्टी सीएम बनाया गया।