डेस्क:भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि चीन एलएसी पर बुनियादी ढांचे का तेजी से निर्माण कर रहा है। हम भी अपना बुनियादी ढांचा उन्नत कर रहे हैं। आईएएफ चीफ ने कहा कि किसी भी भावी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणाली का होना महत्वपूर्ण है। साथ ही, उन्होंने बताया कि एस-400 मिसाइल प्रणालियों की 3 यूनिट्स की सप्लाई हो गई है। रूस ने अगले साल तक बाकी 2 यूनिट्स देने का वादा किया है। वायुसेना प्रमुख ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि साल 2047 तक भारतीय वायुसेना का पूरा सामान भारत में ही तैयार होना चाहिए।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हमारे पास विदेशी जमीन पर अपने दुश्मनों पर हमला करने की पूरा क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा कि हमने बालाकोट एयर स्ट्राइक के जरिए यह दिखाया भी है। अग्निवीर योजना को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अग्निवीरों पर हमारी प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक है। हमसे पूछा गया कि क्या 25% से अधिक अग्निवीरों को रखा जा सकता है और इसके जवाब में हमने कहा कि ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे लेकर फैसला तो सरकार को लेना है।
कौन हैं वायुसेना प्रमुख एपी सिंह
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने बीते महीने भारतीय वायु सेना के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने वीआर चौधरी की जगह ली। सिंह को 5,000 घंटे से अधिक समय तक विमान उड़ाने का अनुभव है और वह लड़ाकू विमान के कुशल पायलट हैं। एयर चीफ मार्शल सिंह अपने पिछले कार्यभार में वायु सेना के उपप्रमुख के रूप में कार्यरत थे। एयर चीफ मार्शल चौधरी 3 साल तक वायु सेना की कमान संभालने के बाद सेवानिवृत्त हुए। एयर चीफ मार्शल सिंह का जन्म 27 अक्टूबर 1964 को हुआ था। उन्होंने दिसंबर 1984 में भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमान पायलट के तौर पर कमीशन प्राप्त किया। सिंह ने लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी सेवा में विभिन्न कमान, स्टाफ, निर्देशात्मक और विदेशी नियुक्तियों में काम किया। एयर चीफ मार्शल सिंह ने लड़ाकू विमान बेड़े और सीमावर्ती वायुसेना ठिकाने की कमान संभाली है।