डेस्क:कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोगों को भयभीत कर और देश के संविधान व संस्थानों को बर्बाद करके शिवाजी महाराज के समक्ष शीश झुकाने का कोई औचित्य नहीं है। राहुल गांधी ने पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मराठा सम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। इससे पहले राहुल ने जनसभा को संबोधित करते हुए सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में मराठा शासक की स्थापित प्रतिमा के ढहने को लेकर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा सही नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘लोगों को भयभीत करने, देश में संविधान और संस्थानों को बर्बाद करने के बाद शिवाजी महाराज के समक्ष शीश झुकाने का कोई औचित्य नहीं है।’ कांग्रेस नेता की टिप्पणी स्पष्ट रुप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर की गई, जिन्होंने शिवाजी महाराज और उनकी प्रतिमा ढहने से आहत लोगों से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राजकोट किले में 35 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था, जो 26 अगस्त को ढह गई थी।
‘छत्रपति शिवाजी महाराज नहीं होते तो संविधान भी नहीं होता’
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी का दुनिया को संदेश था कि देश सबका है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान उस योद्धा राजा के विचारों का प्रकटीकरण है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर छत्रपति शिवाजी महाराज और शाहू महाराज जैसे लोग नहीं होते तो संविधान भी नहीं होता। दूसरी ओर, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को ‘नफरत मुक्त’ बनाने के लिए 65 सामाजिक संगठनों ने साथ आकर ‘सजग रहो’ अभियान शुरू करने का फैसला किया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने शनिवार को कहा कि यह देखा गया है कि राज्य में व्यवस्थित रूप से जातिगत नफरत पैदा की जा रही है। जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की सफल लड़ाई में सभी जातियों और पंथों के लोगों को एकजुट करने का समृद्ध इतिहास रहा है।