डेस्क:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई। यह मीटिंग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नई दिल्ली में 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर बुलाई गई। पार्टी अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के प्रमुख नाना पटोले , महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार और सीनियर नेता बालासाहेब थोराट समेत अन्य लोग शामिल हुए। बताया जा रहा है कि बैठक में महा विकास अघाड़ी (MVA) के अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। साथ ही, चुनावी गारंटी जैसे प्रमुख मुद्दों पर बातचीत की गई। कांग्रेस नेताओं का जोर इस बात पर रहा कि हरियाणा में की गई गलतियों से बचा जाए।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में पार्टी कम से कम 110 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस के कुछ गढ़ों से अपने उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश में है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान ने महाराष्ट्र में अपने नेताओं को विभिन्न समितियों तक पहुंचने का निर्देश दिया। यह स्पष्ट करने को भी कहा कि हम करीब 110 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।’ यह बात ऐसे समय निकलकर सामने आई है जब सेंट्रल मुंबई सहित कुछ मुस्लिम बहुल सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) ने उम्मीदवार खड़े करने की इच्छा जताई है। मगर, कांग्रेस इन सीटों को अपने पास बरकरार रखना चाहती है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि महाअघाड़ी के नेता इसका क्या हल निकालते हैं।
सीट बंटवारे पर क्या बोले नाना पटोले
दूसरी ओर, बैठक के बाद नाना पटोले ने कहा कि एमवीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन राज्य में सरकार बनाएगा। एमवीए भाजपा की भयानक रणनीति को नाकाम कर देगा पटोले ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई। हम अपने गठबंधन एमवीए के साथ आगे बढ़ेंगे। एमवीए सभी 288 सीट पर चुनाव लड़ने वाली है।’ मालूम हो कि एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं। यहां अगले महीने चुनाव होने की संभावना है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो जाएगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने 56 सीटें, कांग्रेस ने 44 और अविभाजित एनसीपी ने 54 सीटें जीती थीं।