कीव:रूस की ओर से शुरू की गई जंग का सामना कर रहे यूक्रेन ने शनिवार को जर्मनी, भारत समेत कई देशों में अपने राजदूतों को बर्खास्त कर दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, एक आदेश में जर्मनी, भारत, चेक गणराज्य, नॉर्वे और हंगरी में यूक्रेन के राजदूतों को बर्खास्त करने की घोषणा की गई है हालांकि, इस कदम के पीछे का कोई वजह नहीं बताया गया है। भारत उन देशों में शामिल है जिसने रूस की ओर से यूक्रेन पर किए हमले का खुले रूप से विरोध नहीं किया था। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महाराष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की ओर से इन राजदूतों के हटाए जाने के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है। यह भी नहीं बताया गया है कि क्या इन अधिकारियों को कोई और जिम्मेदारी तो नहीं दी जाएगी। ज़ेलेंस्की ने अपने राजनयिकों से यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
जर्मनी को गैस की दिक्कत
जर्मनी के साथ कीव के संबंध, जो रूसी ऊर्जा आपूर्ति और यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक निर्भर है। ऐसे में यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला हो सकता है। रूस और यूक्रेन के युद्ध शुरू होने के बाद से जर्मनी को अपना गैस भंडार भरने में दिक्कत हो रही है। जंग की वजह से रूस की ओर से गैस सप्लाई में दिक्कत आ रही है। ऐसे में जर्मनी बिजली उत्पादन के लिए कोयले की तरफ रुख कर रहा है।
गैस पंप टरबाइन को लेकर भी मतभेद
जर्मनी और कीव कनाडा में रखे गए एक जर्न निर्मित टरबाइन को लेकर भी आमने-सामने हैं। जर्मनी चाहता है कि ओटावा यूरोप को गैस पंप करने के लिए रूसी प्राकृतिक गैस की दिग्गज कंपनी गजप्रोम को वो टरबाइन लौटा दें लेकिन, यूक्रेन इसका विरोध कर रहा है। कीव ने कनाडा से टर्बाइन रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि इसे रूस को भेजना मास्को पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा।