हजारीबाग:झारखंड के हजारीबाग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को चुनावी जनसभा को संबोधित किया। ‘जितना बजट, उतनी ही गारंटी’ को लेकर उनकी नसीहत के सहारे कांग्रेस की घेराबंदी पर पलटवार करते हुए खरगे ने पीएम मोदी को बहस की चुनौती दे डाली। उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस की स्कीमों के नकल का आरोप भी लगाया। हालांकि, इस दौरान मंच से कुछ ऐसा भी कह गए जिसको लेकर भाजपा ने एक बार फिर उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
दरअसल, भाषण के दौरान खरगे यह भूल गए कि झारखंड में विधानसभा की कितनी सीटें हैं। उन्होंने मंच पर मौजूद दूसरे नेताओं से इसकी जानकारी ली। अब भाजपा इसको लेकर चुटकी ले रही है। इसी बीच उन्होंने झारखंड के चुनाव को छोटा कहा, जिस पर भाजपा निशाना साध रही है। खरगे ने कहा, ‘यहां पर कितनी सीटें हैं, (बताए जाने के बाद) 81 सीटें हैं। लेकिन केंद्र के मंत्री, आजू बाजी के मंत्री, असम से लेकर सब तरफ के मंत्री, मुख्यमंत्री यहां आ रहे हैं। अरे भई एक छोटे से चुनाव में इतने लोग आकर यहां पर एक मजमा बना रहे हैं।’
झारखंड में भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरगे पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष झारखंड आए थे, दिल्ली से झारखंड आ गए चुनाव लड़ने। लेकिन इन्हें ये नहीं पता कि झारखंड में कितनी विधानसभा सीट हैं। ये कांग्रेस और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की झारखंड के बारे में जानकारी है। जिन्हें ये नहीं पता कि सीट कितनी हैं, वह झारखंड का विकास क्या करेंगे?’
उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘यह कांग्रेस का ओछापन है। झारखंड का कुछ सम्मान है कि नहीं उनकी नजरों में। कांग्रेस जैसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंच से माइक पर पूछ रहे हैं कि कितनी सीटें हैं। झारखंड की वैल्यू समझते हैं? इनको सीटों का पता नहीं और चुनाव में भाषण करने आए। और बता रहे हैं- छोटा सा चुनाव। खरगे साहब यह महान राज्य है। यह झारखंड की धरती क्रांतिकारियों की धनी है।’
भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने भी खरगे के भाषण का हिस्सा शेयर करते हुए लिखा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी झारखंड के चुनाव को छोटा बता रहे हैं। अगर झारखंड कांग्रेस के लिए अहमियत नहीं रखता तो चुनाव मत लड़िए, लेकिन इस तरह झारखंड के लोगों का अपमान मत करिए। प्रचार में आने से पहले प्रदेश में कुल कितनी सीट हैं ये भी नहीं पता। ऐसे में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन से क्या उम्मीद की जा सकती है?’