मुंबई:राज ठाकरे को उनकी बेबाकी और दोटूक बयानों के लिए जाना जाता है। अकसर उन मामलों पर भी वह खुलकर राय रखते हैं, जिन मसलों पर नेता बोलने से बचना चाहते हैं। ऐसे ही एक संवेदनशील मसले मराठा आरक्षण पर राज ठाकरे ने दोटूक कह दिया कि यह मिलना तो मुश्किल है। उन्होंने बुधवार को लातूर में एक मीटिंग के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सालों से आंदोलन चल रहा है, लेकिन अब तक क्या हो सका है। कुछ भी नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आंदोलन को स्वीकार नहीं किया जा सकता। यही नहीं उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि मराठा आरक्षण मिल जाएगा तो उससे आप लोग पूछिए कि ऐसा कैसे होगा।
मनसे चीफ ने कहा कि जब मराठा समुदाय का पहला मार्च मुंबई आया तो चारों दलों ने उनका सामना किया। इतने वर्षों तक सब सत्ता में आए, किसी ने आरक्षण नहीं दिया। सभी जिलों में मार्च निकलने लगे, उससे क्या हुआ? आपको आरक्षण क्यों नहीं मिला? जारांगे पाटिल आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे, कहा चुनाव लड़ेंगे, अब कहते हैं कि नहीं लड़ना है। अरे भाई, लड़ना है तो लड़ो, किसी भी तरह लड़ो। लेकिन सवाल सिर्फ यह है कि आरक्षण कैसे दोगे ये बताओ। राजनीतिक दल इसलिए बच कर बोल रहे हैं क्योंकि ऐसा आरक्षण नहीं मिल सकता।
उन्होंने कहा कि मैं एकदम सही चीज बता रहा हूं। राज ठाकरे ने कहा कि सही स्थिति पेश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने मनोज जारांगे पाटिल से मुलाकात की तो यही कहा था कि यह संभव नहीं है। यह इतना जटिल मामला है कि लोकसभा में कानून बदलना पड़ता है, सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेना पड़ेगा। यह किसी एक राज्य महाराष्ट्र की बात नहीं है, अगर यह नीति लागू होती है तो कोई भी यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि एक राज्य में ही ऐसा लागू हो। फिर तो हर राज्य में ऐसे आंदोलन होने लगेंगे। हर राजनीतिक नेता जानता है कि ऐसा नहीं होगा। जो आपसे कह रहे हैं कि आरक्षण मिल जाए, उनसे क्या कहूं?
राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहते हैं कि आरक्षण दिया गया, क्या राज्य सरकार को इसका अधिकार है? तमिलनाडु में राज्य सरकार ने एक जाति को आरक्षण दे दिया है, लेकिन मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और कोई फैसला नहीं आया है। हम एक-दूसरे को कोस रहे हैं और उन चीज़ों पर लड़ रहे हैं जो हो ही नहीं सकतीं। क्या संतों ने यही सिखाया? ये कहते हुए ठाकरे ने निशाना साधा।