डेस्क:यूपी के मुरादाबाद जिले की कुंदरकी विधानसभा सीट 11 मुस्लिम प्रत्याशियों के बीच एक हिन्दू उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। भाजपा के रामवीर ठाकुर के सामने कोई भी उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया है। जमानत बचाने के लिए 16.66 प्रतिशत वोट चाहिए। दूसरे नंबर पर रही सपा 11 फीसदी तक ही पहुंच पाई। बाकि अन्य तो इससे भी नीचे हैं। भाजपा के रामवीर सिंह को जहां 170371 वोट मिले। वहीं सपा के कद्दावर नेता और इस सीट से उम्मीदवार हाजी मोहम्मद रिजवान 25580 वोट ही पा सके हैं।
सपा का गढ़ रहे कुंदरकी क्षेत्र में 2024 के उपचुनाव का एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि कुल 12 उम्मीदवारों में से सिर्फ एक भाजपा ने ही हिन्दू उम्मीदवार को यहां से मैदान में उतारा। 11 उम्मीदवार मुस्लिम हैं। समाजवादी पार्टी ने यहां से अनुभवी और कद्दावर नेता हाजी मोहम्मद रिजवान को उम्मीदवार बनाया। हाजी मोहम्मद रिजवान कुंदरकी से 2002 में चुनाव जीते थे। इसके बाद 2007 का चुनाव हार गए थे। हाजी मोहम्मद रिजवान ने 2012 और 2017 के चुनावों में लगातार जीत हासिल की। 2022 के चुनाव में कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा ने पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर रहमान बर्क को मैदान में उतारा था। उस चुनाव में जियाउर ने 43,162 वोटों से जीत दर्ज की थी। जियाउर रहमान को कुल 1,25,792 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के कमल प्रजापति को 82,630 वोट। उस चुनाव में बसपा के मोहम्मद रिजवान को 42,742 वोट मिले थे।
कुंदरकी में सपा की जीत पक्की मान रहे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के लिए 2024 के उपचुनाव में सपा का प्रदर्शन एक झटके की तरह है। जानकारों का कहना है कि कुंदरकी के प्रतिकूल समीकरणों के बीच भाजपा को मुस्लिम वोटों के बंटवारे का बड़ा फायदा मिला है। उधर, ठाकुर रामवीर सिंह ने भी मुस्लिम मतदाताओं के बीच सेंध लगाने के लिए हर मुमकिन कोशिश भी की। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा और पार्टी से जुड़े मुस्लिम नेताओं ने भी अपने तईं कोशिशें कीं और नजीता सबके सामने है। अब हर कोई हैरान है कि 60 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटरों वाली इस सीट पर सभी मुस्लिम उम्मीदवारों को पछाड़कर एक हिन्दू उम्मीदवार कैसे जीत गया। जानकारों का कहना है कि इस बार ठाकुर रामवीर सिह, भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ की रणनीति ने कुंदरकी में हिन्दू और मुसमान का ध्रुवीकरण ही नहीं होने दिया। बल्कि मुस्लिम वोटरों के एक धड़े ने रामवीर पर भरोसा जताया। रामवीर उनके बीच टोपी पहनकर चुनाव प्रचार करते भी नज़र आए। नतीजों से साफ है कि भाजपा ने मुस्लिमों की तुर्क और राजपूत बिरादरी को साधने में भी काफी सफलता प्राप्त की। बताते हैं कि कुंदरकी में करीब 40 हजार तुर्क और 45 हजार मुस्लिम राजपूत मतदाता हैं। स्थिति यह रही कि कुंदरकी के चुनाव में पड़े कुल 2 लाख 21 हजार 999 वोटों में से अकेले रामवीर को 1 लाख 70 हजार 371 वोट मिले हैं। पोस्टल बैलेट के 98 वोटों में से भी रामवीर को सबसे ज्यादा 68 वोट मिले हैं। वहीं दूसरे स्थान पर रहे सपा के मोहम्मद रिजवान को सिर्फ 25 हजार 580 मिले। तीसरे स्थान पर रहे चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार चांद बाबू को 14194 वोट और चौथे स्थान पर रहे एआईएमआईएम के उम्मीदवार मोहम्मद वारिस को 8111 वोट मिले। बसपा के रफ्तुल्ला को भी 1099 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।
कुंदरकी में कौन-कौन उम्मीदवार
कुंदरकी सीट पर भाजपा से ठाकुर रामवीर सिंह, सपा से हाजी मोहम्मद रिजवान, बसपा से रफ्तुल्लाह जान, एआईएमआईएम से मोहम्मद वारिस, आजाद समाज पार्टी से चांद मोहम्मद के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों में रिजवान हुसैन, रिजवान अली, शोकीन, मोहम्मद उवैश, मशरूर, मोहम्मद उबैश और साजिब शामिल हैं। इनमें कई प्रत्याशियों को बहुत कम वोट मिले हैं। निर्दलीय रिजवान हुसैन को 758 वोट, रिजवान अली को 483 वोट, शोकीन को 292 वोट, मोहम्मद उवैश को 260 वोट, मसरूर को 141 वोट, मोहम्मद उबैश को 118 वोट, साजेब को 102 वोट मिले।