जयपुर:राजस्थान में भजनलाल कैबिनेट ने अहम फैसले लिए है। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों तथा पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार सम्बन्धी सिफारिशों को दिनांक 1 सितम्बर, 2024 से लागू करने की घोषणा की थी।
डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के अंतर्गत नियुक्त कार्मिकों को भी अब राज्य कर्मचारियों की भांति ही दो तारीखों 1 जुलाई अथवा 1 जनवरी को वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिल सकेगा।
खेमराज कमेटी ने अंतिम रिपोर्ट तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत को सौंप दी थी। राज्य सरकार अब कमेटी की ओर से दी गई रिपोर्ट का परीक्षण करवाया गया। बता दें कि कई कर्मचारी संगठनों की मांगों को लेकर अशोक गहलोत ने खेमराज कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने मांगों का अध्ययन और विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की। खेमराज कमेटी ने इसके पहले अंतरिम रिपोर्ट 2 फरवरी 2022 को पेश की थी, जिसकी क्रियान्विति की जा चुकी है। गहलोत ने साल 2021-22 के बजट में एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का एलान किया था। बजट घोषणा की क्रियान्विति में सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया गया था।
कर्मचारियों की ये हैं मांगें
वेतन विसंगतियों जैसे ग्रेड पे 2400 व 2800 के लिए बना पे-लेवल समाप्त कर केंद्र के अनुरूप पे हो। सेवाकाल में पदोन्नति के 4 अवसर। कर्मचारियों और पेंशनरों का जनवरी 2020 से जून 2021 तक का बकाया महंगाई भत्ता। स्पष्ट और पारदर्शी स्थानांतरण नीति। तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानांतरण खोले जाएं.
अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिन से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक करें। संविदाकर्मियों का मानदेय न्यूनतम 18000 रुपए मासिक तय हो।