डेस्क:हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमले को लेकर बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र में सफाई दी है। ढाका में एक हिंदू नेता की गिरफ्तारी को लेकर उठे विवादों पर बांग्लादेश ने यूएन में कहा कि यह गिरफ्तारी विशेष आरोपों के आधार पर की गई है। पड़ोसी देश ने दावा किया कि उसके यहां अल्पसंख्यकों पर कोई संगठित हमला नहीं हुआ है। आपको बता दें कि इस्कॉन के पूर्व सदस्य और सनातनी संगठन के नेता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। उन्हें चटगांव की छठी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार को राजद्रोह के मामले में जेल भेज दिया।
बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि तारिक एमडी आरिफुल इस्लाम ने जिनेवा में 28-29 नवंबर को आयोजित 17वें अल्पसंख्यक मुद्दों के फोरम के दौरान कहा, “दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। उनकी गिरफ्तारी विशेष आरोपों पर की गई है और मामला कानून के तहत निपटाया जा रहा है।”
भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद ढाका और चटगांव सहित कई स्थानों पर हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। भारत ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इसके बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है।
जिनेवा के सत्र के दौरान बांग्लादेशी एनजीओ और व्यक्तियों ने देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को बहुत चिंताजनक बताया। इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश (IFSB) के एक प्रतिनिधि ने कहा कि इस्कॉन एक शांतिपूर्ण संगठन है और चिन्मय दास को बिना किसी ठोस आरोप के गिरफ्तार किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक समुदाय को प्रतिदिन पुलिस और सेना द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
बांग्लादेश सरकार का जवाब
इस्लाम ने बांग्लादेश की अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “हमारे शीर्ष नेतृत्व ने अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं को बार-बार यह आश्वासन दिया है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि हाल की हिंसा राजनीतिक और व्यक्तिगत कारणों से हुई है न कि सांप्रदायिक मुद्दों की वजह से।
भारत ने जताई चिंता
भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि हिंदुओं पर हमले और मंदिरों पर हिंसा की घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक है। वहीं, बांग्लादेश ने कोलकाता में अपने उप उच्चायोग पर हुए विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत से अपने सभी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।