ढाका: यहां हाईकोर्ट ने रविवार को निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया और 2004 में बांग्लादेश की तत्कालीन विपक्षी नेता शेख हसीना की रैली पर हुए ग्रेनेड हमले के सभी आरोपियों, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान और पूर्व राज्य मंत्री लुत्फ़ोज़्ज़मान बाबर भी शामिल थे, को बरी कर दिया।
“हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और तारिक रहमान सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया,” अटॉर्नी जनरल कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा।
तारिक रहमान (57) बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं।
इस मामले में हत्या और विस्फोटक अधिनियम के तहत दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। यह हमला ढाका के बंगबंधु एवेन्यू पर अवामी लीग की रैली में हुआ था, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई और लगभग 300 लोग घायल हो गए थे।
हाईकोर्ट की जस्टिस एकेएम असदुज्जमान और जस्टिस सैयद इनायत हुसैन की पीठ ने सभी 49 आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट का फैसला “अवैध” था। हाईकोर्ट का फैसला उन अपीलों और डेथ रेफरेंसेस (फांसी की सजा की पुष्टि के दस्तावेज) की सुनवाई के बाद आया, जो इन मामलों में दायर की गई थीं।
निचली अदालत ने यह फैसला प्रतिबंधित हरकत-उल-जिहाद-आल-इस्लामी (हुजी) संगठन के शीर्ष नेता मुफ्ती अब्दुल हन्नान के इकबालिया बयान के आधार पर सुनाया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि यह बयान दबाव में लिया गया था और मजिस्ट्रेट ने इसे सही ढंग से नहीं परखा, इसलिए इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है।
गौरतलब है कि मुफ्ती अब्दुल हन्नान को एक अन्य मामले में फांसी दी जा चुकी है।
हाईकोर्ट ने 21 नवंबर को डेथ रेफरेंसेस और दोषियों द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई के बाद निर्णय को “कुरिया एडवाइजरी वल्ट” (मतलब फैसला किसी भी दिन सुनाया जाएगा) के तहत रखा था।
सुनवाई के दौरान, आरोपियों के वकीलों ने अदालत से ट्रायल कोर्ट का फैसला खारिज करने का अनुरोध किया क्योंकि उनके मुवक्किलों के खिलाफ कोई ठोस आरोप नहीं थे। वहीं, राज्य की ओर से डिप्टी अटॉर्नी जनरल एमडी जसीम सरकार और एमडी रसेल अहमद ने हाईकोर्ट से निचली अदालत के फैसलों को बरकरार रखने की अपील की।
क्या था मामला?
21 अगस्त 2004 को शेख हसीना के नेतृत्व में “आतंकवाद के खिलाफ रैली” आयोजित की गई थी। इस दौरान उन पर ग्रेनेड से हमला किया गया। हसीना इस हमले में बाल-बाल बच गईं, लेकिन 24 लोगों की जान चली गई थी।
ढाका की एक अदालत ने 10 अक्टूबर 2018 को इस मामले में 19 लोगों, जिनमें बाबर शामिल हैं, को मौत की सजा सुनाई थी। वहीं, तारिक रहमान सहित 19 अन्य को आजीवन कारावास और 11 अन्य को विभिन्न अवधि की सजा दी गई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना ने बांग्लादेश की राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया। उस समय बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार ने इसे “पूर्व नियोजित बर्बर कृत्य” करार दिया था, जिसका उद्देश्य अवामी लीग की पूरी नेतृत्व टीम, जिसमें हसीना भी शामिल थीं, को खत्म करना था।
हमले की जांच के लिए अमेरिका की एफबीआई को बुलाया गया था। बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी डीजीएफआई के एक पूर्व प्रमुख ने अदालत में गवाही दी कि हमलावरों को उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर सुरक्षा दी गई थी।