बड़वानी:मध्य प्रदेश पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) तथा अन्य 11 लोगों के विरुद्ध कथित धोखाधड़ी के मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। इसके साथ ही आज मेधा पाटकर के बड़वानी कार्यालय में नोटिस भी तामील कराया है।
बड़वानी पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, राजपुर के प्रीतम राज बडोले की शिकायत पर नर्मदा नव निर्माण एनजीओ से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध थाना बड़वानी में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने एसडीओपी रूपरेखा यादव के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
एसआईटी द्वारा एफआईआर में उल्लेखित नर्मदा नव निर्माण से संबंधित खातों को तस्दीक और ट्रस्ट की जानकारी हेतु महाराष्ट्र के मुंबई, नंदूरबार और धाड़गांव पहुंचकर जानकारी प्राप्त की गई।
एसआईटी टीम ने मुंबई में चैरिटी कमिश्नर ऑफिस से ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज प्राप्त करने के अलावा वहां बैंक खातों से संबंधित जानकारी भी प्राप्त की। इसी तरह एक अन्य टीम ने नंदूरबार एवं धाड़गांव से ट्रस्ट से संबंधित बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की।
इसके साथ ही शनिवार को थाना प्रभारी एसएस रघुवंशी ने ट्रस्ट के बड़वानी स्थित ऑफिस जाकर नोटिस तामील कराया और मेधा पाटकर को ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने और बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित होने को कहा है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में कानून के जानकारों से राय लेकर समीक्षा उपरांत आए साक्ष्यों के अनुसार अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
एसआईटी प्रमुख रूप रेखा यादव ने बताया कि इस मामले में मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है तथा दो अन्य आरोपी ट्रस्ट से इस्तीफा दे चुके हैं। इस ट्रस्ट के द्वारा मध्य प्रदेश के चार अन्य व्यक्तियों को ट्रस्टी बनाया गया था, इसलिए उन्हें भी नोटिस भेजा गया है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यालय पर उपस्थित कार्यकर्ता महेंद्र तोमर ने पत्रकारों को बताया कि आज बड़वानी पुलिस के नगर निरीक्षक एसएस रघुवंशी द्वारा हेराफेरी की एक शिकायत को लेकर नोटिस तामील कराया गया है। उन्होंने कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं और इस नोटिस पर हमारे ट्रस्टी तथा वकील जवाब प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि नर्मदा नव निर्माण ट्रस्ट वैधानिक रूप से संचालित है और इसके माध्यम से जीवन शालाएं भी चल रही हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट का नियमानुसर प्रतिवर्ष ऑडिट होता है।
उल्लेखनीय है कि शिकायत के आधार पर 9 जुलाई को बड़वानी कोतवाली पुलिस ने नर्मदा नव निर्माण एनजीओ की मेधा पाटकर तथा अन्य 11 लोगों के विरुद्ध कथित तौर पर साढ़े 13 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि ट्रस्ट द्वारा मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों के विकास तथा शिक्षा के नाम पर एकत्रित किए गए धन का दुरुपयोग किया गया है। उन पर आरोप था कि उक्त धन विभिन्न आंदोलनों और देश विरोधी गतिविधियों के लिए खर्च किया गया। पाटकर ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया था।