हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी यानी रक्षा बंधन के पांचवें दिन रक्षा पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इसे रेखा पंचमी या शांति पंचमी के नाम से भी जानते हैं। रक्षा पंचमी का त्योहार मुख्य रूप से उड़ीसा में मनाया जाता है। मान्यता है कि जो भाई किसी कारणवश रक्षा बंधन वाले दिन अपनी बहनों से राखी नहीं बंधवा पाए हों, वे इस दिन राखी बंधवा सकते हैं।
रक्षा पंचमी के दिन ऐसे करें पूजा-रक्षा पंचमी के दिन दूर्वा व सरसों से भगवान श्रीगणेश के हरिद्रा रूप का पूजा किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान शिव के पंचम रुद्रावतार भैरवनाथ की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है। शत्रुओं का नाश हो जाता है। जातक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रक्षा पंचमी के दिन गोगा पंचमी का भी त्योहार मनाया जाता है। इस दिन गोगा देव और नाग देवता की पूजा की जाती है। इन पर दूध, पानी, रोली और अक्षत अर्पित करके मां अपनी संतान की लंबी आयु की कामना करती हैं।
रक्षा पंचमी उपाय-रक्षा पंचमी के दिन नाग, बैताल ब्रह्मराक्षस और दश दिगपाल आदि का खीर से पूजन कर रात के समय उनके लिए घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में खीर का भोग रखें। बाएं हाथ में ली हुई काले नमक की डली अथवा उड़द पीले कपड़े में बांधकर घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में छुपाकर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार का बुरी नजर से बचाव होता है। भगवान शिव के साथ नाग देवता के प्रसन्न होने की मान्यता है।