इस सप्ताह आने वाले शनिवार यानी 27 अगस्त को को शनि अमावस्या के दिन शनि साढ़ेसाती और शनि ढैया के जातक शनि को प्रसन्न करने के उपाय कर सकते हैं। आपको बता दें कि यह साल की आखिरी शनिश्चरी अमावस्या है। इसे कुशग्रहिणी अमावस्या कहा जाता है।
इस तिथि पर पूरे साल के पूजन कर्मों के लिए कुशा नाम की घास इकट्ठा करने की परंपरा है। भाद्रपद मास की अमावस्या शुक्रवार (26 अगस्त) और शनिवार (27 अगस्त) को रहेगी। लेकिन भाद्रपद में 27 अगस्त को अमावस्या का संयोग अब अस्त 2025 में होगा। दरअसल अमावस्या तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ ता, इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या बहुत ही शुभ दिन है।
जिन जातकों पर अभी शनि की साढ़ेसाती और ढैया है, उन्हें इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा इस दिन पीपल पर दूध, जल और मिठाई अर्पित करनी चाहिए। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साढ़ेसाती के जातकों के लिए शनिवार और अमावस्या के योग में शनि देव की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। शनि देव के मंत्र शं शनैश्चराय नम: का जप करना चाहिए और शनि देव के लिए तेल का दान करना चाहिए।