जयपुर:राजस्थान में 1.33 करोड़ महिलाओं को फ्री मोबाइल के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। मोबाइल के कब से मिलेंगे। इसका जवाब सिर्फ सीएम अशोक गहलोत के पास ही है। लेकिन सीएम गहलोत ने संकेत दिए है कि आधी आबादी को फ्री मोबाइल के लिए फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा। सीएम गहलोत ने हाल ही में जयपुर में महिला समानत दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते देरी होने पीछे वजह बताई। सीएम ने कहा कि मोबाइल उत्पाद करने में समय लगता है। 1.33 करोड़ महिलाओं के लिए मोबाइल बनाना आसान काम नहीं है। हम चाहते हैं कि महिलाओं को जल्द फोन मिले। लेकिन अभी समय लगेगा। सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में अमीरों के बच्चों के पास स्मार्टफोन थे। इसलिए आॅनलाइन क्लास की सुविधा मिल गई। हम चाहते हैं गरीब का बच्चा भी आॅनलाइन क्लास से वंचित न रहे। हालांकि, सीएम गहलोत ने मोबाइल देने की तारीख नहीं बताई, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार चौथी सालगिरह पर महिलाओं को मोबाइल दे सकती है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी, 2022 को बजट भाषण के दौरान प्रदेश की उन सभी महिलाओं को मुफ्त में स्मार्टफोन देने का ऐलान किया, जो जन आधार कार्ड के मुताबिक परिवार की मुखिया हैं। इस घोषणा के बाद से ही महिलाएं स्मार्टफोन का इंतजार करने लगीं। गहलोत सरकार प्रदेश की 1.33 करोड़ महिलाओं के लिए 7500 करोड़ के स्मार्टफोन खरीद रही है। सरकार ने 1.33 करोड़ मोबाइल हैंडसेट तीन साल तक फ्री 4जी इंटरनेट के साथ सप्लाई करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। हर स्मार्टफोन करीब 5,639 रुपए की कीमत का होगा। गहलोत सरकार की चौथी सालगिरह से महिलाओं को मोबाइल हैंडसेट बांटना शुरू करने की तैयारी में है। सरकार की एजेंसी राजकॉम्प ने टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर की कुल कीमत 7500 करोड़ है। इसमें 1.33 करोड़ स्मार्टफोन और तीन साल तक इंटरनेट सुविधा शामिल है। स्मार्टफोन का डिस्ट्रीब्यूशन जिला और ब्लॉक लेवल पर होगा। जिन महिलाओं को मोबाइल दिए जाएंगे। इन्हें ई-केवाईसी करवाना होगा। आईटी विभाग इसके लिए समय और जगह तय करेगा।
जो भी कंपनी स्मार्टफोन सप्लाई करेगी उसे डिलीवरी के समय हैंडसेट की कीमत का केवल 30 फीसदी पैसा ही मिलेगा। डिलीवरी के एक साल बाद 35 फीसदी और फिर दो साल बाद बचा हुआ 35 फीसदी पैसा दिया जाएगा। टेंडर में स्मार्टफोन सप्लाई करने वाल कंपनी को भुगतान करने की कई शर्तें लगाई हैं। सरकार की इस शर्त से एक साथ भार नहीं पड़ेगा। इसके अलावा स्मार्टफोन सप्लायर्स को ब्लॉक लेवल पर सर्विस सेंटर बनाने होंगे। कस्टमर केयर की डेडिकेटेड व्यवस्था भी करनी होगी। वर्क ऑर्डर मिलने के बाद एक साल के भीतर पूरे हैंडसेट देने होंगे। एक बैच में कम से कम पांच लाख मोबाइल की सप्लाई करने की शर्त भी रखी गई है।