खरगोन:मध्यप्रदेश के खरगोन में श्रम कार्यालय में पदस्थ श्रम इंस्पेक्टर सपन गोरे को 80 हजार रिश्वत लेते इंदौर लोकायुक्त टीम ने कार्यालय में ही धर दबोचा । कोरोना काल अवधि में खरगोन के बडगांव निजी स्कूल में शिक्षकों के वेंतन विसंगतियों को दूर करने के एवज में डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी । जिसका सौदा 80 हजार में तय हुआ । पीड़ित प्रबंधक आदित्य जैन की शिकायत पर रिश्वत मांगने वाला श्रम इंस्पेक्टर लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया । लोकायुक्त ने श्रम कार्यालय में स्कूल संचालक से 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
फरयादी आदित्य जैन ने बताया कि खरगोन जिले के गोगावा में वह एक निजी स्कूल चलाता है।श्रम निरीक्षक द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत, उक्त स्कूल का दिनांक 10.8.22 को निरीक्षण करने के उपरान्त, स्कूल द्वारा नियोजित श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दर से कम भुगतान पाते हुए,अधिनियम के उल्लंघन की निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की गई थी।वेतन के अंतर की राशि का भुगतान के संबंध में क्षतिपूर्ति नहीं वसूले जाने के एवज में डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें 80 हजार में सौदा तय हो गया था ।मैंने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी। जिसके बाद लोकायुक्त में आज कार्रवाई की है।
लोकायुक्त डीएसपी सन्तोष भदौरिया ने बताया बड़गांव के निजी स्कूल संचालक ने कोरोना काल के दौरान वेतन वितरण का मामला निपटारे के लिये श्रम इंस्पेक्टर सपन गोरे ने स्कूल संचालक आदित्य जैन से डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। 80 हजार में सौदा तय हुआ। इसकी शिकायत आदित्य ने लोकायुक्त को की, जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए कार्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा है।