उज्जैन:मध्यप्रदेश के आगर जिले के कानड़ थाना क्षेत्र के ग्राम अरनिया गांव में शुक्रवार की देर शाम मछली पकड़ने गए सीताराम पिता गोपाल सूर्यवंशी 32 वर्ष का शव बरसाती नाले के किनारे झाड़ियों में पड़ा मिला था।
परिजन ग्रामीणों की मदद से शव को जिला अस्पताल आगर लेकर आए और शनिवार को मृतक का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन और भीम आर्मी के सदस्य मृतक की हत्या होने का आरोप लगाते हुए गांव के ही तीन लोगों पर कार्रवाई की मांग करने लगे बाद में शव को गांव के लिए ले जाने के दौरान बडौद रोड चौराहे पर रूके।
जहां भीम आर्मी के सदस्य विरोध स्वरूप नारेबाजी करते हुए शव को चौराहा पर रख घरना देना चाहते थे। लेकिन शव बाहर रखने के पूर्व ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और उनके द्वारा लाठी भांजना शुरू कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ कर तितर-बितर कर दिया। बाद में परिजन शव लेकर गांव पहुंचे और मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
मृतक के पिता गोपाल का कहना है कि गांव के तीन दबंग लोग, हाकम सिंह, नानसिंह और नरेन्द्र सिंह उसे घर से मछली पकड़ने का कहकर साथ ले गए थे। काफी देर बाद जब वह घर नहीं लौटा तो उसकी तलाश की गई। इसी दौरान साथ ले जाने वाला 1 व्यक्ति रास्ते में मिला जिसने सीताराम की मौत हो जाने की बात कही थी।मिली जानकारी अनुसार मृतक से दबंगों का लेनदेन को लेकर विवाद बताया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर ने बताया की घटना शुक्रवार देर शाम की है अस्पताल पुलिस चौकी में जीरो पर मर्ग कायम कर संबंधित थाना कानड़ जांच के लिए भेजा गया है फिलहाल पुलिस जांच कर रही है जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा। मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कठोरतम कार्रवाई करने की बात भी एसपी ने कही।है लाठीचार्ज की घटना से साफ इंकार करते हुए बताया कि पुलिसकर्मी केवल यातायात को सुगम बनाने के लिए अपना काम कर रहे थे।