मुंबई: शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर सनातन धर्म को समर्पित विश्व के प्रथम आध्यात्मिक ओटीटी ‘प्रज्ञा’ के तत्वावधान में ‘नवरात्रि महोत्सव’ का आयोजन 26 सितंबर से किया जा रहा है जिसके अंतर्गत कथाकार स्वप्निल शुक्ला की आवाज़ में गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित श्री दुर्गा सप्तशती व् देवीभागवत पुराण में सम्मिलित मुख्य कथाओं की व्याख्या सरलीकृत भाषा में की जाएगी। कार्यक्रम को ‘प्रज्ञा’ ओटीटी ऐप व् यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।
‘प्रज्ञा’ के नवरात्रि महोत्सव की सूत्रधार के रूप में अपनी भूमिका को परिभाषित करते हुए स्वप्निल शुक्ला ने कहा, “प्रज्ञा ओटीटी पर श्रद्धालुओं के साथ मेरी आवाज़ के अनूठे रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर महाशक्ति की कथाओं के वाचन, मंत्रो, श्लोकों व् उनके सही उच्चारण के सन्दर्भ में श्रोताओं की दुविधाओं का समाधान हो, ऐसी मेरी कोशिश रहेगी। माँ दुर्गा के नौ रूपों से जुड़ी कथाएं न सिर्फ आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण से सम्बंधित सामाजिक मुद्दों को समझने में एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। दुर्गा सप्तशती में 13 अध्यायों में 700 श्लोकों के द्वारा मां दुर्गा की आराधना की जाती है इन अध्यायों में देवी मां के तीन रूपों के बारे में विस्तार से बताया है। दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय में प्रथम रूप का वर्णन है। इसमें मां काली की आराधना की जाती हैं। दूसरे से लेकर चौथे अध्याय में मां महालक्ष्मी की आराधना की जाती है। वहीं पांचवें से लेकर 13वें भाग में मां सरस्वती की आराधना की जाती है। इसके अतिरिक्त देवीभागवत पुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्य का स्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। पराम्बा भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त है। इस पुराण में लगभग १८,००० श्लोक हैं। इन कथाओं से मिलने वाली सीख हमारे जीवन में पथ प्रदर्शक साबित होती हैं व हमें कुमार्ग से सन्मार्ग की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।”
ग़ौरतलब है, ‘प्रज्ञा’ के बैनर तले अभी हाल ही में ‘गणेश उत्सव’ का आयोजन किया गया था जिसमें स्वप्निल शुक्ला की आवाज़ में श्री गणेश अंक व् श्री गणेश पुराण में सम्मिलित मुख्य कथाओं को श्रोताओं ने काफी सराहा। बेहद अल्प समय में ही सनातन धर्म के प्रचार प्रसार हेतु प्रज्ञा द्वारा आयोजित कार्यक्रमों ने देशभर से लगभग हर आयु वर्ग के लोगों के बीच अमिट छाप छोड़ी है। साथ ही अनेकों कलाकारों को भक्ति रस से सजे उनके हुनर के प्रदर्शन के लिए एक मंच भी प्रदान किया है।
राजनीति विज्ञान व् हिंदी साहित्य में डबल मास्टर्स उपाधियों से अलंकृत स्वप्निल शुक्ला ‘ऑन द डॉट’ की एसोसिएट एडिटर के साथ चित्रकार व् सस्टेनेबिलिटी एक्टिविस्ट भी हैं। अध्यात्म व् दर्शन के संयोजन से लैस अपनी चित्रकला के माध्यम से सनातन धर्म से जुड़ी अनेकों कथाओं को कैन्व़स् पर उतार युवा पीढ़ी को देश की सनातन संस्कृति से अवगत कराने व सस्टेनेबल लाइवलीहुड को बढ़ावा देने के लिए, स्वप्निल को कई बार सम्मानित व् पुरस्कृत किया गया है।
देश की संस्कृति, विविध कलाओं के प्रचार व् समाज में सकारात्मक परिवर्तन को नयी दिशा व् दशा प्रदान करने के प्रयासों के लिए स्वप्निल को 2020-21 के लिए ‘MIVDO सद्भावना राजदूत’ के रूप में नियुक्त किया गया।