दशहरा या विजयादशमी का त्योहार 5 अक्टूबर, बुधवार को है। शास्त्रों के अनुसार, दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा या विजया दशमी हर साल अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार अवगुणों को त्याग कर गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। जिसके कारण इस पर्व को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक मानते हैं।
दशहरे के दिन बन रहे शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 ए एम से 05:27 ए एम।
विजय मुहूर्त- 02:07 पी एम से 02:54 पी एम।
गोधूलि मुहूर्त- 05:51 पी एम से 06:15 पी एम।
अमृत काल- 11:33 ए एम से 01:02 पी एम।
रवि योग- 06:16 ए एम से 09:15 पी एम।
दशहरे के दिन बन रहे ये अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल- 12:09 पी एम से 01:38 पी एम।
यमगण्ड- 07:44 ए एम से 09:13 ए एम।
गुलिक काल- 10:41 ए एम से 12:09 पी एम।
दुर्मुहूर्त- 11:46 ए एम से 12:33 पी एम।
विजया दशमी का दिन होता है श्रेष्ठ-
भगवान श्री राम ने अधर्म, अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण का वध करके पृथ्वीवासियों को भयमुक्त किया था और देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध करके धर्म और सत्य की रक्षा की थी। इस दिन भगवान श्री राम, दुर्गाजी, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और हनुमान जी की आराधना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है। समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विजयादशमी पर रामायण पाठ, श्री राम रक्षा स्त्रोत, सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाना शुभ माना जाता है।