रत्न शास्त्र में 9 रत्नों का वर्णन है ,और सभी रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंध रखते हैं। किसी भी रत्न को धारण करने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है। आज हम आपको एक ऐसे ही रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी व्यक्ति को आसमान की ऊंचाइयों तक उठा भी सकता है और ऊंचाई से अचानक जमीन पर लाकर पटक भी सकता है। नीलम शनि ग्रह को समर्पित रत्न है। नीलम बेहद शक्तिशाली रत्न है। यह राजा को भी रातों -रात कंगाल कर सकता है।
कैसे धारण करें नीलम रत्न
1. रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम को पंचधातु में धारण किया जाना चाहिए।
2. इसे शनिवार के दिन शाम के समय धारण करना चाहिए।
3. नीलम धारण करने से पूर्व इसे दूध ,गंगाजल, केसर और शहद से शुद्ध करन चाहिए।
4. नीलम रत्न धारण करने से पूर्व शनिदेव की आराधना करनी चाहिए और इस दिन शनिदेव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को शनिदेव से जुड़ी चीजें अवश्य दान अवश्य करें।
किन राशि के लोगों के लिए नीलम धारण करना होगा बेहद शुभ-
1. कुंभ, मकर, वृषभ और तुला राशि के जातकों को नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
2. जिस कुंडली में शनि चौथे, 5वें 10वें और 11वें भाव में बैठा होता है ऐसे जातकों को नीलम रत्न पहनने की सलाह दी जाती है।
3. यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा या साढ़ेसाती चल रही है तो उसे ज्योतिष नीलम रत्न धारण करने की सलाह देते हैं।
4. मेष ,वृश्चिक, कन्या, मीन और कर्क राशि के जातकों को नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।