दरअसल उमा भारती सोमवार जो भोपाल के अयोध्या बाइपास स्थित शराब दुकान पर पहुंचीं थीं। इस दौरान उन्होंने दुकान के सामने लगे पर्दे हटवा दिए। इसके बाद वहां कुछ देर तक कुर्सी डालकर बैठी रहीं। साथ ही स्थानीय लोग खासकर महिलाएं भी वहां जुट गए। इस शराबबंदी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रशासन को भी घेरा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि शराब दुकानों में अहाते की कानूनी तौर पर अनुमति नहीं है लेकिन स्थानीय प्रशासन की सहमति से अहाते खोल लिए जाते हैं। इसमें भारी भ्रष्टाचार होता है और हफ्ता वसूली से सबकी जेबें गरम होतीं हैं। और इसलिए सब अपना कर्म भूल जाते हैं। तिलकधारी, जनेऊधारी, तलवारधारी अपने आप को भगवान का सेवक मानने वाले लोग अहाते आसानी से चलने देते हैं।
उमा भारती में कहा कि दुर्गा जी और हनुमान जी के मंदिर के सामने शराब की दुकान और अहाता है और ये दुकान गैरकानूनी है। मैं पहले आने वाली थी लेकिन उज्जैन में प्रधानमंत्री और भोपाल में अमित शाह के कार्यक्रम के चलते नही आ सकी। मैं भाजपा की कार्यकर्ता हूं, शिवराज जी की छोटी बहन हूं। मैं उन्हें लज्जित होते हुए नहीं देख सकती। लेकिन जो हो रहा है, उसे देख नहीं पा रही हूं।
वहीं आशंका जताते हुए कहा कि मुझ पर शराब माफिया का हमला होगा। मुझ पर जाति और धर्म के भेद का आरोप लगाया जाएगा। शराब की दुकानें चलाने वाले लोगों को ताकत सत्ता से प्राप्त हुई है। मेरा इतना ही कहना है कि उन्हें सत्ता से मिली ताकत सरकार वापस ले ले।