नई दिल्ली:राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पार्टी के भीतर के मतभेदों को अभी तक दूर नहीं कर पाई है। कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व दिवाली के बाद राजस्थान पर फैसला लेगा। अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद खड़के के लिए सबसे बड़ी चुनौती राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले राजस्थान में जो कुछ भी हुआ वो किसी से नहीं छिपा है।
अब देखना है कि अशोक गहलोत गद्दी पर बने रहेंगे या फिर उनकी जगह सचिन पायलट को लाया जाएगा। इस बीच राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की नेता वसुंधरा राजे की तारीफ के भी अलग-अलग मायने निकलने शुरू हो गए हैं।
बीजेपी के अंतर्कलह पर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान बीजेपी में टूट चरम सीमा पर है। उन्होंने दावा किया कि वसुंधरा राजे का मानना है कि राज्य में एक बार फिर से कांग्रेस की वापसी होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डोटासरा ने कहा कि किसी विधायक को कल वसुंधरा जी ने यह कहा कि जो परिस्थितियां हमारी पार्टी में चल रही हैं, कांग्रेस सत्ता में दोबारा वापस आएगी। उन्होंने कहा कि इस बयान से मतलब है कि राजे पार्टी के झगड़े से इतनी व्यथित है कि वो इस तरह की बाते कह रहा हैं। डोटासरा ने राजे के नेचुरल फेस करार देते हुए जनता में स्वीकार्य बताया।
राजस्थान में समय-समय पर दिखता रहा है मदभेद
डोटासरा के दावे में कितनी सच्चाई है यह तो बाद की बात है। लेकिन इतना जरूर है कि राजस्थान में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और वसुंधरा राजे के बीच मनमुटाव पहले भी रहा है और समय-समय पर यह जगजाहिर भी होता रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे के अलावा दो तीन ऐसे नेता है जिनकी चर्चा बराबर होती रहती है। इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, सतीश पूनिया का नाम लिया जाता है। कांग्रेस की ओर से वसुंधरा राजे की तारीफ के पीछे भी कई वजह है। इनमें से पहला वजह ये है कि वसुंधरा राजे की तारीफ करके बीजेपी में फूट डालने की रणनीति हो सकती है।
पौने तीन घंटे चली बैठक
राजस्थान के बीजेपी नेताओं की शुक्रवार को दिल्ली में कोर कमेटी की बैठक हुई है। बैठक करीब पौने तीन घंटे चली। बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह समेत कोर कमेटी के मेंबर मौजूद रहे। बैठक में नड्डा-अमित शाह ने राजस्थान बीजेपी के नेताओं को नसीहत दी की आपस में शक्ति प्रदर्शन न दिखाएं। सार्वजनिक रूप से बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। टांग खिचाई करना छोड़ने की सख्त हिदायत दी।