जयपुर: दीदी मां के नाम से प्रख्यात साध्वी ऋतंभरा के सानिध्य में लंबे समय के बाद राष्ट्रीय स्तरीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन परम शक्तिपीठ के तत्वावधान में 02 से 08 नंवबर दोपहर 02 से शाम 05 बजे तक विद्याधरनगर सेक्टर-07 में अग्रसेन पार्क के ठीक सामने किया जाएगा।
कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए वृंदावन से आईं साध्वी सत्य प्रिया ने कहा कि कथा का आयोजन वात्सल्य ग्राम में पल रहे बच्चों के हितार्थ हो रहा है। कथा से प्राप्त राशि का उपयोग बच्चों के लालन-पालन पर किया जाएगा। इसलिए सभी लोगों को कथा में तन-मन-धन से सहयोग करना चाहिए।
साध्वी समदर्शी ने कहा कि दीदी मां ऋतंभरा की राष्ट्रीय स्तर की भागवत कथा श्रवण के लिए देशभर से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।
कार्यक्रम के आयोजक शिव कुमार गोयल ने कहा कि कथा करवाने का मुख्य उद्देश्य युवा वर्ग को सही दशा और दिशा दिखाना है। आज अधिकांश युवा दिग्भ्रमित होकर नशे और व्यसन की चपेट में है। युवाओं को दिशाबोध कराने के लिए दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा से अच्छा अन्य कोई व्यक्तित्व नहीं है।
कथा का शुभारंभ 02 नवंबर को सुबह 07 बजे निकलने वाली कलशयात्रा के साथ होगा। कलश यात्रा विद्याधरनगर सेक्टर 01 के शिव मंदिर से गाजे बाजे के साथ रवाना होकर कथा स्थल पहुंचेगी। कलशयात्रा में शामिल होने के लिए तत्कालेश्वर महादेव मंदिर में पंजीयन कराया जा सकता है। कलश यात्रा में 2,500 से अधिक महिलाएं शामिल होंगी।
समाज में दीदी माँ के नाम से प्रख्यात साध्वी ऋतम्भरा ने वात्सल्य ग्राम में भरे-पूरे परिवारों की कल्पना साकार की है। एक बुजुर्ग महिला नानी कहलाती हैं, एक युवती उसी परिवार का अंग होती है जिसे मौसी कहा जाता है और उसमें दो शिशु होते हैं। यह परिवार इकाई परिसर में रहकर भी पूरी तरह स्वायत्त होती है। मौसी और नानी अपना घर छोड़कर पूरा समय इस प्रकल्प को देती हैं और वात्सल्य ग्राम का यह परिवार ही उनका परिवार होता है। इसके अतिरिक्त वात्सल्य ग्राम ने देश के प्रमुख शहरों में हेल्पलाइन सुविधा में दे रखी है जिससे ऐसे किसी भी नवजात शिशु को जिसे किसी कारणवश जन्म के बाद बेसहारा छोड़ दिया गया हो उसे वात्सल्य ग्राम के स्वयंसेवक अपने संरक्षण में लेकर वृन्दावन पहुँचा देते हैं।