जयपुर:राजस्थान के कुछ इलाकों में लड़कियों की नीलामी की खबर सामने आने के बाद अब राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि इस तरह की कुछ गतिविधियां सवाई माधोपुर में भी हो रही हैं। रेखा शर्मा ने कहा, ‘रात के वक्त यह सबकुछ प्रशासन के द्वारा मैनेज किया जा रहा था। ऐसा भीलवाड़ा में था। लेकिन प्रशासन को यह नहीं पता था कि मैं सवाई माधोपुर में थी। इस तरह की गतिविधियां वहां भी हो रही हैं। लड़कियों को अगवा किया जा रहा है, यहां लाया जा रहा है। मौजूदा हालात पर प्रकाश डालते हुए रेखा शर्मा ने कहा, ‘जब मेरी टीम वहां (भीलवाड़ा) पहुंची तो कुछ भी नहीं मिला था। हालांकि, ढाबा मालिकों से मीडिया की बातचीत में यह बात सामने आई कि ऐसी गतिविधियां वहां संचालित हो रही थीं लेकिन जैसे ही ऐसी खबरें प्रकाश में आईं घरों में ताले लग गए।’ रेखा शर्मा ने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उनसे मुलाकात कर इस मुद्दे पर बातचीत भी नहीं की।
रेखा शर्मा ने कहा, मैं अधिकारियों से मिलने की कोशिश कर रही हूं। मुख्य सचिव प्रधानमंत्री मोदी के इवेंट को लेकर व्यस्त हैं। डीजीपी कही किसी चीज का उद्घाटन कर रहे हैं। वो मीटिंग में शामिल होने को लेकर दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। वो अपना काम पूरा करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं।’ लड़कियों की नीलामी से संबंधित विभिन्न केसों को लेकर रेखा शर्मा ने कहा, ‘यह संभव नहीं है कि हर परिवार में 8-10 लड़कियां हों। इसके लिए फर्जी डॉक्यूमेंट दिये गये। डीएनए टेस्ट से पता चल जाएगा कि वो उन परिवारों से ताल्लुक नहीं रखती हैं। एक आईपीएस अफसर की निगरानी में बनी एसआईटी का गठन करना होगा।’
बता दें कि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी की खबर सामने आने के बाद राज्य के डीजीपी एमएल लाथर ने कहा था कि प्रदेश की पुलिस महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने की तमाम कोशिशें कर रही है। इस संबंध में एक रिपोर्ट ‘दैनिक भास्कर’ में छपी थी। जिसके बाद एनआचआरसी ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। एक बयान में डीजीपी ने समाचार पत्र में छपी खबर पर कहा कि रिपोर्ट में जिन दो लड़कियों का जिक्र किया गया है वो अभी नारी निकेतन, अजमेर में रह रही हैं। लड़कियों के साथ हुई घटना को लेकर साल 2019 में पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। अपराध सिद्ध होने पर 25 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी।
महिलाओं के प्रति ऐसी घटनाओं को लेकर डीजीपी ने कहा था कि साल 2019 में भीलवाड़ा जिले में लड़कियों की खरीद-बिक्री के खिलाफ ‘ऑपरेशन गुड़िया’ चलाया गया था। उस वक्त तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावार और एडिशनल एसपी अनुक्रेथी उज्जैनिया तथा उनकी टीम ने अपहरण की गई लड़कियों को छुड़ाया था और उन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिन्होंने देह व्यापार के लिए मजबूर किया था। इन आरोपियों द्वारा अजमेर के विभिन्न इलाकों में देह व्यापार का धंधा चलाया जा रहा था।