पुलिस के अनुसार, चटर्जी को शनिवार रात 6 युवकों ने अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने एमआर बांगुर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को बताया कि वह एक एक्सीडेंट में घायल हो गया था। हालांकि, पुलिस की ओर से पीड़ित को लगी चोटें देखने के बाद संदेह हुआ। घायल व्यक्ति को इलाज के दौरान बचाया नहीं जा सका, उसने कुछ ही समय बाद दम तोड़ दिया।
हॉस्पिटल स्टाफ ने एक शख्स को पकड़ा
रीजेंट पार्क पुलिस स्टेशन के ऑफिसर ने बताया, ‘हॉस्पिटल अथॉरिटी ने हमें इसकी जानकारी दी। अस्पताल के स्टाफ ने सोमनाथ चक्रवर्ती नाम के शख्स को पकड़कर रखा था, जबकि पांच लड़के वहां से भाग गए। चक्रवर्ती को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। जांच के दौरान पता चला कि आपसी झगड़े के बाद चटर्जी के साथ काम करने वाले लड़कों ने ही उसे पीट-पीटकर मार डाला।’
‘कंपनी के नाम पर लिए थे 3 लाख रुपये’
पीड़ित बीरभूम जिले का रहने वाला था। वह पिछले 9 महीनों से प्राइवेट फर्म में काम कर रहा था। यह फर्म लोगों को लोन मुहैया कराता था। वह करीब 2 साल पहले कोलकाता आया था और कुडघाट इलाके में रह रहा था। कंपनी के मालिक सुमन मंडल ने बताया कि चटर्जी ने लोगों से फर्म के नाम पर करीब 3 लाख रुपये लिए थे। उसने ये पैसे कंपनी के अकाउंट में जमा ही नहीं किए। जब इसे लेकर हमने उससे बात की तो लड़ाई शुरू हो गई।