धनबाद:फर्जी तथ्यों, इनपुट टैक्स क्रेडिट और ई-वे बिल जारी कर सरकार को चूना लगाने वाली दो कंपनियों के विरुद्ध गुरुवार को राज्य कर उपायुक्त नगरीय अंचल कार्यालय ने धनबाद और सरायढेला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। नगरीय अंचल धनबाद की राज्य कर पदाधिकारी डॉ अफसाना खानम सिन्हा कोल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक नावाडीह निवासी सत्य नारायण सिन्हा और डे इंटरप्राइजेज के मालिक खरनागढ़ा स्टील गेट निवासी आनंद डे के खिलाफ सरायढेला थाना में एफआईआर दर्ज कराते हुए करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी का दावा किया है। सिन्हा कोल ट्रेडिंग कंपनी और डे इंटरप्राइजेज के खिलाफ अनियमितताओं का पुलिंदा राज्य कर अधिकारी ने पुलिस को मुहैया कराया है। विभाग ने दोनों कंपनियों के मालिकों से पूछताछ कर उन्हें जवाब देने का नोटिस भी दिया, लेकिन दोनों कंपनियां तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाईं।
सरायढेला थाना में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि डे इंटरप्राइजेज ने दिसंबर 2018 में 49 ई-वे बिल के माध्यम से 85 लाख 75 हजार 320 और जनवरी 2019 में 350 ई-वे बिल के माध्यम से 07 करोड़ 28 लाख 12 हजार 695 रुपए की कोयले की बिक्री दर्शायी है जबकि इस अवधि में करदेय व्यक्ति की ओर से कोई खरीद नहीं दर्शाई गई। राज्य कर विभाग का दावा है कि कंपनी ने बिना इनवार्ड सप्लाई के आउटवर्ड सप्लाई कर भारी कर अपवंचना की है। आरोप है कि कंपनी ने 01 करोड़ 36 लाख 37 हजार 395 रुपए की बिक्री छिपाई है। मजेदार बात तो यह है कि जब कंपनी के मालिक से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पासवर्ड उनके एकाउंटेंट झरिया निवासी रमेश कुमार यादव के पास रहता है, वही सारी जानकारी रखते हैं। लाखों-करोड़ों का व्यवसाय करने वाले आनंद डे के खाते में मात्र 20 रुपए का बैलेंस मिला।
धनबाद थाना में सिन्हा कोल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक सत्य नारायण सिन्हा के विरुद्ध दर्ज मामले में राज्य कर विभाग ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अगस्त 2018 से अक्तूबर 2018 तक इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में 1.40 करोड़ रुपए का दावा किया, जबकि सिन्हा कोल ट्रेडिंग कंपनी को माल बेचने वाली विक्रेता कंपनी के ऑटो जनरेटेड जीएसटीआर 2 ए में आईटीसी की कोई राशि नहीं दिखी। कंपनी ने साजिश के तहत गलत जानकारी देकर 1.40 करोड़ रुपए का भुगतान/सामंजन का लाभ लिया। कंपनी ने जिस शर्मा इंटरप्राइजेज से माल की खरीदारी का दावा किया वह कंपनी जांच में अस्तित्व विहीन पाई गई। विभाग का दावा है कि सिन्हा कोल ट्रेडिंग कंपनी ने बिना माल की इनवार्ड सप्लाई प्राप्त किए फर्जी इनव्यास के आधार पर आईटीसी का लाभ लिया। विभाग ने कंपनी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर क्रेडिट लेजर में उपलब्ध आईटीसी की राशि 50 हजार 716 रुपए को ब्लॉक कर दिया। करदाता पर विभाग ने तीन करोड़ दो लाख 21 हजार 579 रुपए का बकाया का दावा किया है।