नई दिल्ली: 28 दिन, 32 टीमें और 64 मुकाबले.. इस बार मेजबान कतर और इक्वाडोर के बीच मैच के साथ फीफा विश्व कप का आगाज होगा। यूं तो दुनियाभर की 32 टीमें इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं, लेकिन आठ टीमों को ट्राफी का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आइए नजर डालते हैं इन टीमों पर..
फ्रांस- गत चैंपियन फ्रांस लगातार दूसरा विश्व कप जीतकर इटली (1934, 1938) और ब्राजील (1958, 1962) के रिकार्ड की बराबरी करने उतरेगा। दो बार विश्व कप जीत चुके फ्रांस (1998, 2018) की टीम में जहां एमबापे जैसे उभरते सितारे हैं, वहीं बेंजेमा जैसे दिग्गज भी टीम का हिस्सा हैं। ग्रुप डी में इस बार फ्रांस के साथ आस्ट्रेलिया, डेनमार्क और ट्यूनीशिया शामिल हैं।
मजबूती : फ्रांस के स्ट्राइकर एमबापे, बेंजेमा, ग्रीजमैन, डेंबेले और जिरूड आक्रामक होंगे। रूस में पिछले विश्व कप ग्रीजमैन को ब्रांज बाल और सिल्वर शू अवार्ड मिला था, जबकि एमबापे को यंग प्लेयर अवार्ड दिया गया था।
कमजोरी : पाल पोग्बा, क्रिस्टोफर नकुंकु, माइक मैग्नन, एंथनी मार्शल, ल्यूकास डिग्ने, एनगोलो कांटे जैसे खिलाडि़यों का चोटिल होना गंभीर चिंता का कारण है। साथ ही मजबूत डिफेंडर का नहीं होना इस बार टीम को कमजोर करेगा।
खेलने की शैली : फ्रांस आक्रामक खेल के लिए जाना जाता है।
विश्व कप रिकार्ड : 1998 और 2018 में टीम विजेता रही। 2006 में उपविजेता
जर्मनी- चार बार ट्राफी जीत चुकी जर्मनी इस बार भी खिताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। जर्मनी ग्रुप ई में जापान, स्पेन और कोस्टा रिका के साथ है। 2014 के इतिहास को दोहराने के लिए कोच हैंसी फ्लिक की यह टीम तैयार है। थामस मुलर और मैट हमल्स जैसे खिलाड़ियों का अनुभव इस विश्व कप में काम आएगा।
मजबूती : स्ट्राइकर लेराय साने, थामस मुलर का विश्व स्तरीय अनुभव काम आएगा। मुलर अब तक विश्व कप में 10 गोल कर चुके हैं। साथ ही टिमो वर्नर और काई हावर्ट्ज जैसे युवा खिलाड़ी इस बार चौंका सकते हैं।
कमजोरी : पहले के मुकाबले इस बार टीम का डिफेंस कमजोर है। एंटोनियो रुडिगर और मैट हमल्स जैसे अनुभवी डिफेंडर होने के बावजूद टीम कमजोर है। दोनों अभी फार्म में नहीं हैं। काउंटर अटैक को रोकने में टीम उतनी सक्षम नहीं होगी।
खेलने की शैली : जर्मनी की टीम आक्रामक शैली से खेलती है। सबसे खास बात हार के डर के बिना हर मैच को खेलना है।
विश्व कप रिकार्ड: 1954, 1974, 1990 और 2014 की विजेता
ब्राजील- पांच बार विश्व कप विजेता ब्राजील इस टूर्नामेंट का सबसे सफल देश है। ब्राजील दुनिया का एकमात्र देश है जो सभी 21 बार विश्व कप का हिस्सा रहा है। ब्राजील ग्रुप जी में सर्बिया, स्विट्जरलैंड और कैमरून के साथ है। फीफा रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज ब्राजील नेमार, जीसस जैसे प्रमुख स्ट्राइकर्स के कारण आखिरी बार 2002 में चैंपियन बने ब्राजील के पास इसे छठी बार जीतने का मौका है।
मजबूती : ब्राजील के स्ट्राइकर नेमार, विनिसियस जूनियर, ग्रैब्रियल जीसस और फर्मिनियो आक्रामक खेल के लिए जाने जाते हैं। इनका विश्व स्तरीय अनुभव टीम को और मजबूत करता है।
कमजोरी : डिफेंस ब्राजील के कमजोर पक्षों में से एक है। दानी अल्वेज जैसे खिलाड़ी जो खुद फार्म से बाहर हैं, टीम के डिफेंस को मजबूत करने में अक्षम हैं। उनकी यह कमजोरी बड़े मैच में हार का कारण बन सकती है।
खेलने की शैली : ब्राजील हमेशा से आक्रामक खेल के लिए जाना जाता है। जिंजा शैली से खेलने के लिए ब्राजील मशहूर रहा है। पहले पेले, रोनाल्डो, रोनाल्डिन्हो और अब नेमार इस शैली का इस्तेमाल करते हुए दिखते हैं। कोच टिटे आक्रामक फुटबाल शैली के लिए जाने जाते हैं।
विश्व कप रिकार्ड: 1958, 1962, 1970, 1994 और 2002 में खिताब जीता
अर्जेंटीना- दो बार की विश्व विजेता अर्जेंटीना टीम इस बार ट्राफी की प्रबल दावेदारों में सबसे ऊपर है। अर्जेंटीना ग्रुप सी में साउदी अरब, मेक्सिको और पोलैंड के साथ है। लियोन मेसी का आखिरी विश्व कप होने के कारण यह सबसे पसंदीदा टीमों में से एक है। अर्जेंटीना की टीम पिछले 35 मैचों से अजेय है। डिएगो मैराडोना की कप्तानी में आखिरी बार यह टीम विश्व कप जीता था।
मजबूती : टीम के बीच सामंजस्य, और एक दूसरे के प्रति विश्वास जताना इसका सबसे मजबूत पक्ष है। अनुभवी लियोन मेसी, इमी मार्टिनेज और रोड्रिगो डि पाल टीम के नींव हैं। कोच लियोन स्केलोनी के नेतृत्व में टीम बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है।
कमजोरी : अर्जेंटीना टीम के लिए हमेशा से डिफेंस कमजोरी का कारण रहा है। काउंटर अटैक को रोकने में टीम कई बार अक्षम दिखी है। फाउल करना टीम के लिए चिंता का विषय रहता है।
खेलने की शैली : अर्जेंटीना का खेल हमेशा आक्रामक रहता है। छोटे-छोटे पास और अटैक करने में विश्वास रखते हैं।
विश्व कप रिकार्ड: 1978, 1986 में खिताब जीता 2014 में उपविजेता