नई दिल्ली:13 जनवरी से शुरू हो रहे हॉकी वर्ल्ड कप के 15वें एडिशन में टीम इंडिया भी बड़ी दावेदार के रूप में उतरेगी। 2021 टोक्यो ओलिंपिक की बात करें तो 41 साल बाद मेडल जीतने वाली भारतीय टीम ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है, जिसको देखते हुए इस बार भारतीय टीम का हौसला बुलंद नजर आ रहा है।
हालांकि, वर्ल्ड कप की बात करें तो भारत ने एकमात्र ट्रॉफी साल 1975 में जीती थी। उसके बाद से टीम वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल में भी जगह नहीं बना पाई है। 47 साल के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर फैंस को उम्मीद है कि भारत वर्ल्ड कप ट्रॉफी के सूखे दो दूर करेगा।
पिछले कुछ वर्षों में टीम ने कुछ अच्छे प्रदर्शन से उम्मीद बढ़ाई है। पहले भारतीय टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और फिर राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीत कर बता दिया कि भारतीय हॉकी अपने स्वर्णिम काल में फिर से लौटने की दिशा में बढ़ चुकी है।
राष्ट्रमंडल खेल के बाद भी टीम का प्रदर्शन जारी रहा और उसने आखिरी एफआईएच प्रो लीग में तीसरा स्थान हासिल किया।
टीम के कोच ग्राहम रीड ने हाल ही में कहा, मैं विश्व कप में पोडियम फिनिश करने के दबाव को समझता हूं। मुझे उम्मीद है कि भारतीय टीम इसके लिए अपना बेस्ट देगी।
हॉकी इंडिया ने कुछ सप्ताह पहले ड्रैग फ्लिकरों और गोलकीपरों के लिए एक विशेष शिविर का आयोजन किया था और 18 सदस्यीय टीम 13 जनवरी को स्पेन के साथ अपने शुरुआती मुकाबले से पहले परिस्थितियों से अभ्यस्त होने के लिए काफी पहले राउरकेला चली गई थी।
कप्तान हरमनप्रीत ने कुछ दिन पहले कहा “मुख्य कोच रीड के संरक्षण में, टीम ने बहुत सुधार किया है और बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम, और रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता अर्जेंटीना के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में हमने जीत दर्ज की है जिसमें अगस्त 2022 में बर्मिघम में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतना भी शामिल है।
एफआईएच विश्व रैंकिंग में 5वें स्थान पर काबिज भारत को इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स के साथ प्रारंभिक चरण के लिए ग्रुप डी में रखा गया है। मेजबान टीम 13 जनवरी को राउरकेला के बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में स्पेन के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी।