कोलकाता: कोलकाता पुलिस ने बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और शहर के 10 पत्रकारों के खिलाफ पिछले सप्ताह वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की दूसरी घटना को लेकर राज्य को बदनाम करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना वास्तव में बिहार में हुई थी जब हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन तीन जनवरी को उस राज्य से गुजर रही थी। जबकि कई मीडिया वालों ने कहा था कि यह घटना बंगाल में हुई थी। इससे बंगाल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। इसलिए उनके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विशिष्ट धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि इस राज्य में घटना होने की ‘फर्जी खबर’ फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मजूमदार ने एक ट्वीट में दावा किया था कि यह घटना दार्जिलिंग जिले के पास फांसीदेवा में हुई थी। टेलीविजन चैनलों और डिजिटल मीडिया के 10 पत्रकारों ने बताया था कि यह घटना बंगाल में हुई थी।
मालूम हो कि तीन जनवरी को लगातार दूसरे दिन हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव किया गया था। बाद में पूर्व रेलवे ने कहा कि वीडियो फुटेज को स्कैन करने के बाद पता चला कि ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटना दो जनवरी को मालदा जिले में और अगले दिन बिहार के किशनगंज जिले में हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को कोलकाता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद से लगातार वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना सामने आई। वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद दो बार ट्रेन को निशाना बनाया गया। इस संबंध में रेलवे अधिनियम की धारा 154 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा चुका है।