प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर देश को आठवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री ने सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह वंदे भारत एक्सप्रेस उस भारत का प्रतीक है जो अपने हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं देना चाहता है। यह उस भारत का प्रतीक है, जो गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। पीएम ने आगे कहा, आज वंदे भारत को लेकर जिस तेजी से काम हो रहा है, वह सराहनीय है।
15 दिनों के अंदर दूसरी ट्रेन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह, 2023 की पहली ट्रेन है। हमारे देश में 15 दिनों भीतर यह दूसरी वंदे भारत ट्रेन दौड़ रही है। यह दिखाता है कि भारत में कितनी तेजी से वंदे भारत अभियान प्रगति कर रहा है। यह देश की ट्रेन है। इसकी रफ्तार के कितने ही वीडियो लोगों के दिलों-दिमाग में छाए हुए हैं।
जहां जहां गति वहां प्रगति मोदी
पीएम ने कहा, जब कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर साथ मिल जाते हैं तो यह सपनों को हकीकत से जोड़ता है। यह मैन्यूफैक्चरिंग को मार्केट से जोड़ता है। टैलेंट को उचित प्लेटफार्म से जोड़ता है। कनेक्टिविटी अपने साथ विकास की संभावनाओं का विकास करता है।
उन्होंने कहा, जहां-जहां गति है, वहां प्रगति है। हमने वह समय भी देखा है, जब हमारे यहां विकास और आधुनिक कनेक्टिविटी का लाभ बहुत ही कम लोगों को मिलता था। इससे देश में एक बहुत बड़ी आबादी का समय सिर्फ आने-जाने में ही खर्च हो जाता था। इससे सामान्य नागरिक, मध्यम वर्ग का नुकसान होता था।
आज भारत उस पुरानी सोच को छोड़कर आगे बढ़ रहा है। वंदे भारत ट्रेन इसका एक बहुत बड़ा सबूत और प्रतीक है। जब इच्छाशक्ति होती है तो बड़े से बड़े मुश्किल लक्ष्यों को भी पाया जा सकता है।
ध्वनि की मात्रा हवाई जहाज की तुलना में 100 गुणा कम
कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, PM ने कहा था इस ट्रेन को देश के इंजीनियर, डिजाइनर, टेक्नीशियन बनाएंगे। इस ट्रेन में ध्वनि की मात्रा हवाई जहाज की तुलना में 100 गुणा कम है, ये इंजीनियरों के लिए गर्व की बात है। रेलवे और देश का विकास राजनीति से ऊपर है। जहां भी केंद्र की जरूरत पड़ेगी हम मौजूद रहेंगे।
यह रहेगा वंदे भारत का रूट
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, इस नई ट्रेन की नियमित सेवा 16 जनवरी को शुरू होगी। टिकटों की बुकिंग शनिवार से शुरू हो गई है। दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने बताया कि विशाखापत्तनम-सिकंदराबाद एक्सप्रेस (20833) सुबह पांच बजकर 45 मिनट पर विशाखापत्तनम से रवाना होगी और दोपहर दो बजकर 15 मिनट पर सिकंदराबाद पहुंचेगी।
वहीं, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम ट्रेन (20834) अपराह्न तीन बजे सिकंदराबाद से रवाना होगी और रात 11 बजकर 30 मिनट पर विशाखापत्तनम पहुंचेगी।
यह 8वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन
रेलवे ने बताया कि 14 वातानुकूलित कुर्सीयान और दो एक्जीक्यूटिव वातानुकूलित कुर्सी यान डिब्बों के साथ इस ट्रेन में 1,128 यात्रियों की क्षमता है। सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम के बीच की दूरी को यह ट्रेन करीब 8 घंटे में तय करेगी। भारतीय रेलवे की ओर से शुरू की गई यह 8वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली पहली ट्रेन
लगभग 700 किलोमीटर की दूरी कवर करते हुए यह तेलुगू भाषी राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली पहली ट्रेन है। यह ट्रेन आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम, राजमुंदरी और विजयवाड़ा और तेलंगाना में खम्मम, वारंगल और सिकंदराबाद स्टेशनों पर रुकेगी।