भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा में शनिवार (28 जनवरी, 2023) को भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां कोई प्रधानमंत्री नहीं आया, मैं पूरे भक्ति भाव से एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं। अभी मुझे यज्ञशाला में पूर्ण आहुति देने का सौभाग्य मिला। मेरे लिए ये भी सौभाग्य का विषय है कि मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायण का आशीर्वाद लेने का पुण्य मिला। जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 प्रमुख बातें-
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को भी भौगेलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई।
- भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति है। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं, परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं।
- बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है। भगवान देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया है, वो सबके साथ से सबके विकास का है। आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है।
- पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैंने लाल किले से पंच प्राणों पर चलने का आग्रह किया था। उद्देशय यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों के याद रखें।
- पीएम मोदी ने कहा कि किसान को आज हर संभव मदद मिल रही है। छोटा किसान कभी सरकार की मदद के लिए तरसता था उसे भी पहली बार PM किसान सम्मान निधि से सीधी मदद मिल रही है।
- भगवान देवनारायण ने गौ सेवा को समाज सेवा और सशक्तिकरण का माध्यम बनाया था। बीते कुछ वर्षो से देश में गौ सेवा का भाव निरंतर सशक्त हुआ है।
- आज का भारत… ‘नया भारत’ बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा है। भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उम्मीदों से देख रही है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत डंके की चोट पर अपनी बात कह रहा है, भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है। ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है।
- राजस्थान का हमारा गुर्जर समाज शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र रक्षा हो या संस्कृति की रक्षा, इस समाज ने हमेशा देश के प्रहरी की भूमिका निभाई है। हमारे गुर्जर समाज की नई पीढ़ी भगवान देवनारायण के संदेशों और शिक्षाओं को आगे बढ़ाएं।
- राजस्थान धरोहरों की धरती है। यहां सृजन है, उत्साह और उत्सव है, परिश्रम और परोपकार है। शौर्य यहां घर-घर का संस्कार है। रग और राग राजस्थान के पर्याय हैं। इतना ही महत्व यहां के जन-जन के संघर्ष और संयम का भी है। पीएम मोदी ने कहा कि पानी के महत्व को राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है, लेकिन आजादी के अनेक दशक बाद भी, देश के केवल तीन करोड़ परिवारों तक ही नल से जल की सुविधा थी। 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब 11 करोड़ से अधिक परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है।